जीएसटी हेल्पडेस्क का मौजूदा नंबर 0120- 24888999 बंद कर दिया गया है। जीएसटी हेल्पडेस्क को दैनिक औसतन 8,000 से लेकर 10,000 तक फोन कॉल आते हैं।
वर्तमान में, राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा संचालित लॉटरी पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जबकि राज्य-अधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है।
लॉटरी पर एक मार्च से 28 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गयी।
केंद्र सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था में राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर पर राज्य सरकारों को 19,950 करोड़ रुपया जारी किया है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की केन्द्रीय कर- चोरी रोधी इकाई ने दिल्ली में नकली बिलों के जरिये 214 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी पकड़ी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एंव सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर लोगों की बुनियादी समस्याओं को समझे और हल करें और मुझे वापस रिपोर्ट करें।
जीएसटी नेटवर्क ने रविवार को कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करीब 92 प्रतिशत बड़े करदाताओं ने 2017-18 के लिये सालाना रिटर्न भर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2020-21 के बजट को राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
सीबीआईसी ने देरी से जीएसटी दाखिल करने वालों व्यापारियों में बने भ्रम को दूर करते हुए स्पष्ट किया अब जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज की गणना शुद्ध देनदारियों के आधार पर की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधीन लाने के लिए राज्य सरकारों से पहल करने की अपील की है।
वित्त मंत्री ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में दरों के स्थायित्व की आवश्यकता पर भी बल दिया।
केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण राज्यों को राजस्व में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए जल्द 35,000 करोड़ रुपए जारी करेगी।
सीबीआईसी के सदस्य जॉन जोसफ ने कहा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रत्येक बिल पर ग्राहक को लॉटरी जीतने का मौका मिलेगा।
1 जुलाई, 2017 से जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक दिल्ली व पुडुचेरी सहित राज्यों को जीएसटी मुआवजा के तहत 2,10,969.49 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिटर्न का सरल स्वरूप अप्रैल 2020 से पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
जुलाई 2017 में लागू होने के बाद यह दूसरी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह ने 1.1 लाख करोड़ रुपए का स्तर पार किया है।
आम बजट 2020 से पहले मोदी सरकार के लिए एक और राहत की खबर आई है। जनवरी में वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह जनवरी में फिर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊंची दर, आयात शुल्क और पंजीकरण कर की वजह से देश का लक्जरी कार क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पा रहा है और सरकार को आगामी बजट 2020 में इनकी दरों में कटौती लानी चाहिए।
उद्योग संगठन इंडियन ऑटो एलपीजी कोलिशन (आईएसी) ने स्वच्छ वाहन ईंधन को बढ़ावा देने के लिये ऑटो एलपीजी के साथ-साथ गैस ईंधन के लिये कन्वर्जन किट पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग की है।
जीवन बीमा परिषद ने दिये बजट पूर्व ज्ञापन में व्यक्तिगत आयकर में बीमा के लिये अलग से कटौती प्रावधान किये जाने अथवा मौजूदा डेढ लाख रुपए तक की सीमा में बीमा पॉलिसी प्रीमियम पर मिलने वाली छूट का हिस्सा बढ़ाने की मांग की है।
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