एक साल के भीतर रेपो रेट की दरें 2.5 फीसदी तक बढ़ गई है। जिसका असर घर और कार के कर्ज पर हुआ है। कर्ज महंगा होने से EMI का बोझ भी बढ़ता जा रहा है।
रिजर्व बैंक एक साल में करीब 2.5 प्रतिशत ब्याज दरें बढ़ा चुका है, जिसके बाद साल भर में 30 लाख के कर्ज पर औसतन 3000 से 4000 रुपये तक ईएमआई बढ़ गई हैं। लेकिन आप चाहें तो इसे कम कर सकते हैं।
आम चुनाव से पहले देशभर के लाखों होम बायर्स को मोदी सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है। सरकार दिवालिया बिल्डर के प्रोजेक्ट में फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की स्वीकृति दे सकती है। सरकारी सूत्रों से यह अहम जानकारी मिली है। सरकार इससे जुड़े प्रपोजल पर विचार कर रही है।
कोरोना के बाद, वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने बड़े घरों की मांग बढ़ाई है। प्रॉप इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, शीर्ष शहरों में 3 बीएचके यूनिट की मांग में 30% से 35% की उछाल आया है।
शीर्ष अदालत कई सारी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी कि क्या पूर्व मालिक का बिजली बकाया बाद के मालिक से लिया जा सकता है।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष घरों का निर्माण सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में होगा, जिसके बाद मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) है। दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष 1,70,100 घरों का निर्माण पूरा होने की संभावना है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 31 मार्च को आदेश में नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय समिति का गठन किया था।
अगर आप अपने सपने का आशियाना बुक करने की सोच रहें हैं और इस बात को लेकर असमंजस है कि रेडी टू मूव लें या अंडर कंस्ट्रक्शन तो हम इस समस्या का हल बता रहे हैं।
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है।
हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फॉर्मी मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी), जे वल्र्ड इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कई कंपनियों ने यहां निवेश किया है। इस टाउनशिप में रिहायशी एरिया को विकसित करने की मांग की जा रही थी।
अगर आप 30 लाख का होम लोन 9 फीसदी की ब्याज पर लेते हैं तो 20 साल में करीब 34 लाख रुपये का ब्याज देना होता है। यह बहुत बड़ी रकम है।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लोन लेने के बाद कई ऐसे भी लोग हैं जो नियमित रूप से समय पर ईएमआई पेमेंट नहीं कर पाते हैं। क्या आप भी लेने जा रहे हैं लोन तो इन बातों का रखें ध्यान। ईएमआई देने के बाद भी नहीं बिगड़ेगा घर का बजट। हर महीने समय पर लोन अमाउंट को एक करने के लिए फॉलो करें ये टिप्स।
नौकरी कर हर महीने के अंत में एक निश्चित सैलरी लेने वाले लोग अब बिजनेस की तरफ काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। एक ही लागत में 2 बिजनेस शुरू करने के लिए पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry farming) में निवेश करें। इसके लिए ज्यादा जगह और पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। कम पैसे होने पर सरकार से लोन की सुविधा भी मिलती है।
यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
नारेडको नेशनल के वाइस चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी पर विराम देने के लिए भारतीय कंपनियां RBI के फैसले की सराहना करता है।
आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है।
होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जहां हम इसे 20 साल, 10 साल आदि के टेन्योर पर लेते हैं। दूसरी ओर एक समय के बाद बैंकों की ब्याज दरें बदलती रहती हैं, वहीं बढ़ी हुई बैंक ब्याज दरों से अगर आप परेशान है तो आप अपने होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर ने वर्ष 2022 में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 3,57,650 घरों की आपूर्ति की जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत घर ही किफायती श्रेणी में थे।
जिस तरह से लोग अपने लिए और व्हीकल के लिए इंश्योरेंस करवाते हैं। इसी तरह घर के लिए भी आप होम इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। हमारे देश में 5 तरह के होम इंश्योरेंस होते हैं। अगर आप इसे खरीदने जा रहे हैं तो इंश्योरेंस पॉलिसी में इन 5 चीजों की जांच करना ना भूलें।
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