एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रतिदिन दाखिल किए जाने वाले आयकर रिटर्न की संख्या चार लाख से अधिक हो गई है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आभासी मुद्राओं से देश की आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता को लेकर कई गहरी चिंताएं जुड़ी हुई हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अब तक 2. 38 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। इसमें से 1. 68 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) संसाधित किए गए हैं,
सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख दो बार बढ़ा चुकी है। करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
सीबीआइसी ने कहा कि आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत एक अधिकारी (जो सहायक आयुक्त के पद से नीचे का न हो) को मामले के सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही करदाताओं के आईटीसी पर रोक लगाने के लिए एक राय बनानी चाहिए।
यदि आईटीआर पहले ही फाइल हो चुका है और कुछ जानकारी को आईटीआर में शामिल नहीं किया जा सका है तब इस मामले में रिटर्न को टीआईएस में दिखाई गई सही जानकारी के आधार पर संशोधित किया जा सकता है।
आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य से कथित रूप से जुड़े कम से कम 70 परिसरों पर छापेमारी की।
समस्याओं के चलते ही सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी है।
अधिसूचना के मुताबिक सेफ हार्बर नियमों (एसएचआर) के तहत दरें 2016-17 से 2018-19 तक लागू हैं और इसे बाद में 2019-20 तक बढ़ाया गया और ये 2020-21 में भी लागू रहेंगी।
पोर्टल के शुरू होने के दिन से ही करदाताओं और पेशेवरों ने इसके कामकाज में गड़बड़ियों और कठिनाइयों की रिपोर्ट की थी।
आयकर विभाग ने कहा, ‘‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल, 2021 से छह सितंबर, 2021 के दौरान 26.09 लाख से ज्यादा करदाताओं को 70,120 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड जारी किया है।’’
‘‘तलाशी में पाया गया कि किसानों को 1.5 प्रतिशत से 3.0 प्रतिशत मासिक ब्याज पर करोड़ों रुपये दिये गये। ब्याज नकद लिया गया और उसका बही-खाते में जिक्र नहीं है।’’
आप कोई भी वित्तीय लेनदेन करने या बैंकिंग सेवा प्राप्त करने में समर्थ नहीं होंगे।यदि आपका आधार कार्ड पैन के साथ नहीं जुड़ा है, तो आपका इनकम टैक्स रिटर्न जमा नहीं होगा।
आयकर विभाग की वेबसाइट में आ रही परेशानियों की वजह से रिटर्न दाखिल करने का इंतजार कर रहे आयकरदाताओं के लिए अच्छी खबर है।
पोर्टल पर करदाताओं की गतिवधियों की जानकारी देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि सात सितंबर तक 8.83 करोड़ विशिष्ट करदाताओं ने पोर्टल पर ‘लॉगइन’ किया। सितंबर में औसतन प्रतिदिन 15.55 लाख करदाता पोर्टल पर ‘लॉगइन’ किये।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमों और घोषणा फॉर्म को अधिसूचित कर दिया है। वरिष्ठ नागरिकों को यह फॉर्म बैंक में जमा कराना होगा, जो पेंशन और ब्याज आय पर कर काटकर उसे सरकार के पास जमा कराएंगे।
इसमें से 22.61 लाख मामलों में 16,373 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड किया गया है। वहीं 1.37 लाख से ज्यादा मामलों में 51,029 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट कर का रिफंड किया गया है।
विभाग ने एक बयान में कहा कि समूह ने पिछले कुछ वर्षों में बहीखाते में 380 करोड़ रुपये के अपने बेहिसाबी धन को फर्जी इकाइयों के माध्यम से असुरक्षित ऋण के रूप में दशार्या है।
आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इन्फोसिस द्वारा और अधिक संसाधन लगाने तथा प्रयास करने जरूरत है, ताकि सेवाओं को सुचारू बनाया जा सके।
नए आयकर पोर्टल को सात जून को शुरू किया गया था। शुरुआत से ही पोर्टल में दिक्कतें आ रही हैं। यूजर्स लगातार शिकायत कर रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है।
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