भारतीय उद्योगों ने मई महीने में विदेशी बाजारों से 1.32 अरब डॉलर जुटाए जो पिछले साल के इसी महीने जुटाई गई राशि से 45 फीसदी कम है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि उद्योग आधार ग्यापन भरने के लिए उसने कोई पंजीकरण शुल्क नहीं रखा है।
जाट आंदोलन की आंच पड़ोसी पंजाब के इंडसट्री पर भी महसूस होने लगी है। व्यापारियों को कच्चे माल की कमी के साथ तैयार माल को भेजने में दिक्कत शुरू हो गई है।
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