देश की आर्थिक व्यवस्था में जन धन खातों ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। आम लोगों के बैंक खातों में जमा रकम अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसे देखकर फाइनेंशियल एक्सपर्ट हैरान हैं।
पिछले 11 वर्षों में 56 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना अकाउंट किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है। यह जीरो बैलेंस के साथ खोला जाता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लिए निष्क्रिय प्रधानमंत्री जन धन खातों का प्रतिशत मार्च 2017 में 39. 62 प्रतिशत से घटकर नवंबर 2024 में 20. 91 प्रतिशत हो गया।
बैठक के दौरान नागराजू ने पुनः केवाईसी करने के लिए एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य उपलब्ध डिजिटल चैनलों जैसे सभी माध्यमों में सभी प्रक्रियाएं अपनाने का सुझाव दिया।
2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो सबसे पहले यह फैसला लिया गया कि कैसे सामान्य से सामान्य लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जाए। सरकार इसके लिए आगे आई और प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की। जिसके जरिए गरीब से गरीब लोगों का बैंक खाता जीरो बैलेंस पर खुल पाया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि जनधन योजना के जरिए आए बदलाव और डिजिटल परिवर्तन ने देश में वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) में क्रांति ला दी है।
Jan Dhan Account: गांव से लेकर शहर तक हर व्यक्ति का अकाउंट खोलने के लिए पीएम मोदी ने जनधन योजना की शुरआत की थी। आज यह एक नया रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर चुका है।
मोदी सरकार ने समाज के निचले तबके को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए जन धन खाते खोलने की शुरुआत की थी।
जेएएम जो बैंक खातों को आधार और मोबाइल नंबर के साथ जोड़ती है, ने भी सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों को लक्षित बनाने और लोगों के सही वर्ग तक मदद पहुंचाने में मदद की है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक कुल 43.04 करोड़ खातों में से 36.86 करोड़ यानी 85.6 प्रतिशत खाते सक्रिय है और इनमें प्रति खाता औसत जमा राशि 3,398 रुपये है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) भारत सरकार की बेहद सफल योजनाओं में से एक है। इस योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिग की सिस्टम से जोड़ा है। मौजूदा समय में सरकार तमाम स्कीम का लाभ सीधे बैंक खाते के जरिए दे रही है।
छह जनवरी 2021 तक जनधन खातों की संख्या 41 करोड़ के पार चली गयी और शून्य बैलेंस वाले खातों की संख्या मार्च 2015 के 58 प्रतिशत से कम होकर 7.5 प्रतिशत पर आ गयी।
जनधन खाता ग्राहकों को कई सुविधाओं के साथ 1 लाख रुपये का एक्सीडेंट इंश्योरेंस भी मिलता है। लेकिन अगर आप अपने ण्काउंट को आधार से लिंक नहीं कराएंगे तो आपको ये बेनिफिट नहीं मिलेगा।
जनधन खाताधारक महिलाओं को तीन महीने तक हर माह 500 रुपये की सहायता मिलेगी
कोरोना संकट के बीच सरकार द्वारा राहत राशि जारी करने की वजह से बढ़ी जमा राशि
सरकार द्वारा पैसे वापस लेने की अफवाह पर बैंकों में लाभार्थियों की भीड़ जुटी
वित्त मंत्रालय ने महिला जन-धन खाताधारकों से राहत राशि की निकासी के लिये बैंकों में एक साथ नहीं पहुंचने और भीड़ लगाने से बचने को कहा है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना का मकसद समाज के उस हिस्से को जोड़ने का है, जो आर्थिक विपन्नता के चलते बैंकों में खाते नहीं खोल पाया था।
प्रधानमंत्री जन धन खातों में कुल जमा रकम जल्द ही 90,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार जा सकती है।
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