ब्रोकरेज का मानना है कि इन सभी 8 शेयरों में 1.239 बिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयरों में सबसे ज्यादा 192 मिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है।
एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल होने से एचडीएफसी बैंक, इंडस टावर्स और एमफैसिस का सूचकांक में भार बढ़ जाएगा।
मात्रा के लिहाज से वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले रूस से आयातित कच्चे पेट्रोलियम का हिस्सा वित्त वर्ष 2024 के 11 महीनों में 36 प्रतिशत हो गया, जबकि पश्चिम एशियाई देशों (सऊदी अरब, यूएई और कुवैत) से आयातित हिस्सा 34 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत हो गया।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी ने बताया कि तेल की ऊंची कीमतों के कारण उसका कारोबार 16 प्रतिशत बढ़कर 10,375.09 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कंपनी अपने काम में AI और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाने पर जोर दे रही है। कंपनी अपने अपरेशन को बेहतर बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपना रही है।
Crude Oil के बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गई है। मॉर्गन स्टेनली ने भी अनुमान जताया है कि इस वर्ष की तीसरी तिमाही में कच्चे तेल का दाम 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।
सऊदी अरामको, सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी है। 2023 में कंपनी का राजस्व 440 अरब डॉलर रहा है।
लंबे इंतजार के बाद कंपनी ने केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 प्रोजेक्ट से प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। ओएनजीसी का कहना है कि वह इस प्रोजेक्ट से धीरे-धीरे उत्पादन में बढ़ोतरी करेगी।
दिसंबर में उसने भारत को प्रतिदिन 11.9 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति की। इससे पहले नवंबर में रूस से भारत का आयात 9,09,403 बैरल प्रतिदिन था। अक्टूबर, 2022 में यह 9,35,556 बैरल प्रतिदिन था।
सखालिन-1 ओवीएल के लिए काफी फायदेमंद है और इस परियोजना के बिना कंपनी घाटे में चल रही इकाई होगी। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद एक्सॉन मोबिल कॉर्प ने परियोजना से बाहर निकलने का फैसला किया था।
राजस्थान में मंगला, भाग्यम और ऐश्वर्या नाम से तेल क्षेत्र हैं। कंपनी के अनुसार राजस्थान ब्लॉक में ये तीन बड़े खोज हैं जिसमें 2.2 अरब बैरल तेल के बराबर हाइड्रोकार्बन भंडार है।
Essential Commodities Price: पिछले एक साल के दौरान गेहूं, आटा और चावल समेत रसोई के आवश्यक सामानों की औसत खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और त्योहारी सीजन के आगमन के साथ बढ़ती कीमतें जारी रह सकती है
Oil Price: विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों तेल और सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट दर्ज की गई है और कच्चा पामतेल कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है।
एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) महंगाई की चपेट में है। लोगों के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 सितंबर से 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने जा रही है।
Oil Price: विदेशों में खाद्य तेलों के भाव टूटने तथा पामोलीन तेल (Palmolein Oil) की नई और पहले के मुकाबले कहीं सस्ती खेप आने के कारण बृहस्पतिवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज हुई है।
Petrol Diesel Price: पहली तिमाही में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखने की वजह से कुल 18,480 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की परिस्थितियों में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का प्रभाव दुनियाभर में देखा जा रहा है। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है। जानिए क्या और कैसे पड़ता है इसका प्रभाव।
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।
ऑयल इंडिया ने 2021-22 के लिए 3.50 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश का ऐलान किया है।
देश की पेट्रोलियम कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) द्वारा ईंधन की कीमतों में वृद्धि की आशंका को देखते हुए देश के कई इलाकों में बृहस्पतिवार से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतरे लगी हुई हैं।
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