एसीएमई सोलर के सीईओ निखिल ढींगरा ने कहा, “हम अपनी नई क्षमताओं को राजस्व और मार्जिन बढ़ाने वाली हाइब्रिड और एफडीआरई (फर्म और डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी) प्रोजेक्ट्स पर फोकस करने का इरादा रखते हैं, जो हमारी व्यावसायिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण धुरी है।”
अडाणी ग्रीन एनर्जी कच्छ के खावड़ा में बंजर जमीन पर 30,000 मेगावाट का दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट डेवलप कर रहा है। 538 वर्ग किलोमीटर में बना ये प्लांट पेरिस के आकार का पांच गुना और मुंबई शहर जितना बड़ा है। पूरा होने के बाद, ये सभी ऊर्जा स्रोतों में दुनिया का सबसे बड़ा पावर प्लांट होगा।
चीन, अमेरिका और जर्मनी के बाद भारत 100 गीगावाट का मील का पत्थर पार करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। हालांकि, हम जर्मनी से थोड़े अंतर से पीछे हैं, लेकिन हम जल्द ही दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा सोलर मार्केट बन जाएंगे।
NTPC Renewable energy, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की एक सब्सिडरी कंपनी है। टेंडर की शर्तों के अनुसार, कंपनी को कॉन्ट्रैक्टेड सोलर कैपेसिटी के साथ 250 मेगावाट/1000 मेगावाटएच (MWh) का एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करना है।
ब्रोकरेज ने कहा कि फरवरी-मार्च 2024 से गुजरात में करीब 1.8 गीगावाट की सोलर प्रोजेक्ट शुरू हो रही हैं, जिनका शुल्क 25 साल के बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) के तहत 2.42 रुपये प्रति यूनिट है।
जोशी ने साथ ही कहा कि 120 सदस्य तथा हस्ताक्षरकर्ता देशों के गठबंधन के रूप में आईएसए दुनिया भर में, खासकर कम विकसित देशों तथा छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों में संसाधन जुटाने और सौर परियोजनाओं की स्थापना में सुविधा प्रदान करने में सबसे आगे रहा है।
रीन्यूएबल एनर्जी कंपनी के अनुसार, आईपीओ सोलर मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और तय समय के अंदर पांच गीगावाट वाले लक्ष्य को पाने के लिए दो गीगावाट सोलर सेल मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करके कंपनी की ग्रोथ को गति देगी।
सोलेक्स एनर्जी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन शाह ने कहा, ‘‘हम ‘विजन 2030’ के तहत मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी बढ़ाकर 15 गीगावाट करने और सोलर सेल बनाने के सेक्टर में कदम रखने के लिए 2030 तक 8,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।''
प्रीमियर एनर्जीज़ ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 427 रुपये से 450 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया है। बताते चलें कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए प्रत्येक शेयर पर 22 रुपये के डिस्काउंट का ऐलान किया है।
रिलायंस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट के पहले स्टेज को शुरू करना और साल 2026 तक चरणबद्ध तरीके से इसे 20 गीगावाट तक बढ़ाना है।
अडानी ग्रीन एनर्जी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ एक डील की है। यह डील 1,799 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए हुई है। भारत का साल 2030 तक 500 गीगावॉट (एक गीगावाट 1,000 मेगावाट) ग्रीन फ्यूल कैपेसिटी हासिल करने का लक्ष्य है।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। हालांकि, कोयला आधारित उत्पादन बिजली पारेषण ग्रिड के परिचालन की स्थिरता को सुनिश्चित करता है।
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक काम कर रहे रिलायंस समूह ने सौर विनिर्माण के साथ-साथ हाइड्रोजन बाजार में उतरने की घोषणा की है।
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक काम कर रहे रिलायंस समूह ने सौर विनिर्माण के साथ-साथ हाइड्रोजन बाजार में उतरने की घोषणा की है।
Rooftop Installation: भारत में सोलर एनर्जी को तेजी से बल मिल रहा है। रूफटॉप इंस्टॉलेशन में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है।
Solar Energy AC Future: यह हीटवेव के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जब बिजली की मांग अक्सर पावर ग्रिड की क्षमता से अधिक हो जाती है, तब बिजली की सप्लाई बाधित हो जाती है। इस दौरान सोलर एनर्जी काफी मददगार साबित होती है।
Defense Ministry Contract: केंद्र सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। आम जनता को सोलर एनर्जी के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। अब रक्षा मंत्रालय ने भी इसमें एंट्री ले ली है।
इस सोलर स्टोव में दो यूनिट मौजूद हैं। एक यूनिट को आप किचन में फिट कर सकते हैं जबकि दूसरे यूनिट को धूप में रखना होगा। इस स्टोव को इंडियन ऑयल के अनुसंधान एवं विकास केंद्र फरीदाबाद ने तैयार किया है। कंपनी का कहना है कि यह सोलर स्टोव एक मॉड्यूलर सिस्टम है।
चार्जर वाले इलेक्ट्रिक कार के बारे में तो हम सभी को पता है, लेकिन क्या आप ऐसी इलेक्ट्रिक कार के बारे में जानते हैं जो चार्जर की वजह से नहीं बल्कि सोलर एनर्जी से चलती है। ऑटो एक्सपो 2023 में इस कार को लॉन्च किया गया है। आइए जानते हैं इस कार में क्या फीचर्स है।
Solar Energy: मंत्री ने कहा, ‘‘हम इलेक्ट्रिक राजमार्ग के विकास पर भी काम कर रहे हैं। यह सौर ऊर्जा के जरिये संचालित होंगे।
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