पंजाब में रोडवेज के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसके चलते राज्य के कई बस अड्डे आज भी बंद पड़े हैं। राज्य परिवहन निगम (STU), पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (PRTC) और पंजाब रोडवेज के 8,000 संविदा कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है।
सरकार ने दिया आश्वासन
हालांकि, देर शाम सरकार द्वारा आंदोलनकारी कर्मचारियों को उनकी मांगें पूरी करने का ठोस आश्वासन दिए जाने के बाद गतिरोध समाप्त हो गया। इसके बाद रविवार से बस सेवाएं फिर से शुरू करने को कहा गया। तीन दिनों की भारी परेशानी के बाद हजारों यात्रियों को आज थोड़ी राहत मिली है।
फंसे रहे हजारो यात्री
14 अगस्त से ही 27 डिपो का कामकाज अस्त-व्यस्त था। शनिवार को 3,200 राज्य परिवहन निगम (STU) बसों में से लगभग 70% बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे यात्री फंसे रहे। अंतर-राज्यीय यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई क्योंकि पंजाब से केवल सरकारी बसें ही चलती हैं।
यात्रियों ने कहा- वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए
शनिवार को पटियाला बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे यात्रियों में से एक अमरिंदर सिंह ने कहा, 'कर्मचारियों और सरकार के बीच की लड़ाई में बिना किसी गलती के हम फंस रहे हैं। सरकार को राज्य के विभिन्न बस अड्डों पर फंसे यात्रियों की मदद के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।' चंडीगढ़ जाने वाले पलकदीप सिंह ने कहा, 'घंटों इंतजर करने के बाद मुझे कैब बुक करनी पड़ी। यह पंजाब के लोगों के लिए बहुत बड़ी परेशानी है।"
जानिए क्या है कर्मचारियों की मांग?
यह हड़ताल, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डिपो पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए, सरकार की किलोमीटर योजना (आउटसोर्सिंग) के तहत बसें जोड़ने की योजना के विरोध में शुरू हुई थी। कर्मचारी नौकरियों के नियमितीकरण, सालाना 5% वेतन वृद्धि और आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध की भी मांग कर रहे थे।