Monday, May 13, 2024
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मासूम खत्म हो गया लेकिन इंतजार नहीं... केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर भी ना दिला सकीं एक इंजेक्शन

तनिष्क नाम का दो साल का एक बच्चा, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था, उसकी बीमारी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत वाला इंजेक्शन खरीदने के उसके परिवार के हर प्रयास के बाद मौत हो गई।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: April 25, 2023 9:22 IST
इंजेक्शन के इंतजार में तनिष्क की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में मौत- India TV Hindi
Image Source : TWITTER इंजेक्शन के इंतजार में तनिष्क की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में मौत

तमाम स्वास्थ्य और कल्याण के दावों का दंभ भरती सरकारों की विफलता राजस्थान से आए इस मामले ने खोखली साबित कर दी। राज्य से लेकर केंद्र सरकारें अपने पार्टी आयोजनों, बैठकों, काफिलों और योजनाओं के प्रचार पर करोड़ों खर्च कर देती हैं। लेकिन जो स्वास्थ की सुविधाएं देने के लिए ये तमाम सरकारें बाध्य हैं, ऊंचे किले पर बैठे ऐसे तख्तनशीं के दरबारों तक एक मासूम की चीख नहीं पहुंच सकी। शर्म और शोक दोनों इस बात के लिए है कि एक दो साल का बच्चा ढेड़ साल तक अस्पताल में पड़ा रहा, इस इंतजार में कि उसकी जान बचाने के लिए कहीं से तो उस संजीवनी रूपी इजेक्शन का इंतजाम हो जाए। लेकिन ये इंतजार खत्म नहीं हुआ पर मासूम खत्म हो गया।

बेहद दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था मासूम

तनिष्क नाम का दो साल का एक बच्चा, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित था, उसकी बीमारी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत वाला इंजेक्शन खरीदने के उसके परिवार के हर प्रयास के बाद मौत हो गई। तनिष्क के पिता शैतान सिंह ने सरकार से अपील की थी कि उसके बच्चे के लिए अपने स्तर पर इंजेक्शन की व्यवस्था की जाए। हालांकि इस संबंध में सरकारें शून्य में ही रहीं।

16 करोड़ के इंजेक्शन की थी जरूरत
तनिष्क की मौत की खबर आते ही नागौर जिले के नदवा गांव में मातम पसर गया। इंजेक्शन के इंतजार में तनिष्क की जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। संयोग से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पिछले साल केंद्र सरकार से तनिष्क के लिए मदद मांगी थी। डेढ़ साल से तनिष्क इंजेक्शन का इंतजार कर रहा था। जब वह 9 महीने का था, तब जयपुर के डॉक्टरों ने उनके परिवार वालों को 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाने के लिए कहा था।

अदालत के आदेश के बावजूद सरकारें विफल 
इतनी बड़ी रकम का इंतजाम करने के लिए उसके परिजनों ने राज्य सरकार और केंद्र दोनों से गुहार लगाई थी, ताकि बच्चे को बचाया जा सके। कुछ महीने पहले एक अदालत ने आदेश दिया था कि हर बीमार व्यक्ति को दवा मुहैया कराई जाए, लेकिन तनिष्क का मामला एक बार फिर दिखाता है कि राजस्थान में ऐसा नहीं है।

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