Sunday, May 12, 2024
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राजस्थान में डेंगू के नए वेरिएंट का कहर, 13 हजार से ज्यादा मरीज, 50 की मौत

चिकित्सा विभाग डेंगू के आगे बेबस नजर आ रहा है। विभाग के पास मच्छर पकड़ने का इंसेक्ट कलेक्टर तक नहीं है।

Manish Bhattacharya Reported by: Manish Bhattacharya @Manish_IndiaTV
Updated on: November 09, 2021 20:38 IST
राजस्थान में डेंगू के नए वेरिएंट का कहर, 13 हजार से ज्यादा मरीज, 50 की मौत- India TV Hindi
Image Source : PTI राजस्थान में डेंगू के नए वेरिएंट का कहर, 13 हजार से ज्यादा मरीज, 50 की मौत

जयपुर (राजस्थान): राजस्थान में कोरोना वायरस के बाद अब डेंगू कहर बरसा रहा है। प्रदेश में फिर से गंभीर हालात बनते जा रहे हैं। डेंगू का नया वेरिएंट मिला है। प्रदेश में डेंगू के 13 हजार से ज्यादा मरीज हैं। यही रफ्तार रही तो कुछ दिन में डेंगू मरीजों की संख्या दो साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। इससे पहले 2019 में सबसे ज्यादा 13706 रोगी मिले थे जबकि बीते साल 2020 में 2023 मामले मिले थे। इस साल का आंकड़ा 13007 तक पहुंच चुका है। वहीं, मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में 50 डेंगू मरीजों की मौत हो चुकी है। 

जयपुर में सबसे ज्यादा 620 डेंगू के केस सामने आए हैं। चिकित्सा विभाग डेंगू के आगे बेबस नजर आ रहा है। विभाग के पास मच्छर पकड़ने का इंसेक्ट कलेक्टर तक नहीं है। इतना ही नहीं, विभाग के पास सर्वे के लिए एंटोमोलॉजिस्ट भी नहीं है। सूबे के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस की स्थिति भी गंभीर है। बड़ी संख्या में मरीज हैं, बेड फूल हैं। सिर्फ एसएमएस अस्पताल में ही डेंगू से अब तक 620 में से 50 मरीजों की मौत हो चुकी है। 

मौजूदा स्थिति ऐसी है कि अस्पताल में कुछ मरीज भर्ती होने के 24 से 72 घंटे के अंदर ही दम तोड़ दे रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू के नए वैरिएंट डेनवी-2 और डेनवी-3 के कारण मरीजों की मौत का खतरा ज्यादा है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीक्षक डॉ अजीत सिंह का कहना है कि एक ही कम्यूनिटी में दो तरह के डेंगू वायरस ज्यादा फैलने के साथ गंभीर हो सकते हैं। 

डॉ अजीत सिंह ने बताया कि डेनवी-2 और डेनवी-3 के कारण मौत का खतरा अधिक है। चारों सीरोटाइप अलग-अलग तरह से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं। नए वैरिएंट से लिवर फेलियर, किडनी फेलियर, दिमाग में संक्रमण, बीपी बढ़ना पाया जा रहा है। गंभीर हालात में मरीज की मौत जल्दी हो रही है।

जयपुर में एसएमएस, जयपुरिया अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, सभी की कमोबेश ऐसे ही हालात हैं। केंद्र सरकार ने राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत 9 राज्यों को पत्र लिखा है। अब तकनीकी मार्गदर्शन के लिए नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम की टीम जयपुर आ सकती है, जो सरकार के आला अधिकारियों से बातचीत करेगी।

बता दें कि राज्य में डेंगू के 2015 में 4043 केस मिले जबकि 7 मरीजों की मौत हुई, 2016 में 5292 केस मिले जबकि 16 की मौत हुई, 2017 में 8427 केस मिले जबकि 14 की मौत हुई, 2018 में 9587 केस मिले जबकि 10 की मौत हुई, 2019 में 13706 केस मिले जबकि 17 की मौत हुई और 2020 में 2023 केस मिले जबकि 7 मौतें हुईं।

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