
Jyeshtha Maah 2025 Date and Niyam: 13 मई से ज्येष्ठ माह का आरंभ हो रहा है। हिंदू कैलेंडर में ज्येष्ठ तीसरा महीना होता है। हिंदू धर्म में यह माह अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। दान-पुण्य, व्रत और पूजा पाठ के लिए ज्येष्ठ का मास विशेष महत्व रखता है। इस माह में भगवान सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। हनुमान जी की पूजा के लिए भी ज्येष्ठ का महीना अति उत्तम माना जाता है। बता दें कि ज्येष्ठ में आने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। बड़ा मंगल के दिन बजरंगबली की पूजा के साथ ही जगह पर भंडारा का भी आयोजन किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ माह में किन नियमों का पालन करना चाहिए।
ज्येष्ठ माह 2025 कब समाप्त होगा?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर होगा। प्रतिपदा तिथि का समापन स13 मई को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। ज्येष्ठ महीना 13 मई से शुरू होगा। वहीं ज्येष्ठ माह समाप्त 11 जून 2025 को होगा।
ज्येष्ठ माह में करें इन नियमों का पालन
- ज्येष्ठ माह में दान पुण्य करें इससे पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है।
- ज्येष्ठ महीने में पानी का घड़ा यानी मटका, पंखे, जूते और चप्पल का दान करें।
- इसके साथ ही ज्येष्ठ मास में अन्न, धन और वस्त्र समेत भोजन का दान करना भी लाभकारी होता है।
- ज्येष्ठ माह में सूर्य देव और हनुमान जी के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा करें।
- ज्येष्ठ महीने में जल का दान सबसे पुण्यकारी माना जाता है। तो इस माह में जल का दान जरूर करें।
- ज्येष्ठ महीने में पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करें। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते है।
- ज्येष्ठ के महीने में मसालेदार चीज का सेवन नहीं करें। संभव हो तो दिन में एक बार ही भोजन करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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