Friday, May 03, 2024
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भारत की इस जगह को कहते हैं ‘मंदिरों का राज्य’, हर मंदिर में दर्शन के लिए लगती है भक्तों की कतारें

तमिलनाडु को ‘मंदिरों का राज्य’ कहा जाता है। यहां के प्रत्येक जिले में विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं।तमिलनाडु के ये विश्व प्रसिद्ध मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला, आश्चर्यचकित करने वाली नक्काशियों और मनमोह लेने वाले भव्य मंडपों से सभी को आकर्षित करते हैं।

Jyoti Jaiswal Edited By: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: October 27, 2022 21:18 IST
भारत की इस जगह को कहते हैं ‘मंदिरों का राज्य’- India TV Hindi
Image Source : SOURCED भारत की इस जगह को कहते हैं ‘मंदिरों का राज्य’

तमिलनाडु भारत का सबसे दक्षिणमतम राज्य है।एक ओर समुद्री तट और हिल स्टेशन यहां की खूबसूरती बढ़ाते हैं तो दूसरी ओर यहां बने हजारों भव्य मंदिर इस राज्य को दर्शनीय बनाते हैं। यहां मंदिरों के दर्शन करने के लिए देश विदेश के लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की कतारें लगी रहती हैं। यह राज्य टूरिज्म का हब है। यहां के मंदिर टूरिज्म और आस्था दोनों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिरों की भूमि कहे जाने वाले तमिलनाडु में 40 हजार से भी अधिक मंदिर हैं।  

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बृहदेश्वर मंदिर

तंजावुर में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के त्रिनेत्र शिवलिंग और नंदी भगवान की विशाल मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। 

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मीनाक्षी मंदिर 

मदुरै में स्थित यह मंदिर माता पार्वती के मीनाक्षी रूप को समर्पित है। इस मंदिर में अनेकों मूर्तियां स्थापित की गई हैं। यहां का मीनाक्षी तिरुकल्याणम महोत्सव विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।

नागनाथ स्वामी मंदिर  

यह मंदिर भगवान नागनाथ स्वामी को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान राहु की मूर्ति स्थापित है। ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। यहां के पुजारियों के अनुसार श्रद्धालु जैसे ही भगवान राहु को दूध से स्नान कराते हैं, वैसे ही दूध का रंग नीला हो जाता है।

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कुमारी अम्मन मंदिर 

यह मंदिर देवी कन्या को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए देवी कन्या के रूप में इसी मंदिर में तपस्या की थी। बाद में भगवान परशुराम ने इस मंदिर में देवी कन्या की नीले पत्थरों की मूर्ति को स्थापित किया था।

रामनाथ स्वामी मंदिर 

रामेश्वरम द्वीप में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। एक मान्यता के मुताबिक भगवान राम ने रावण वध करने के बाद भगवान शिव से क्षमा मांगने के लिए यहीं पर शिवलिंग की पूजा की थी।

कपालेश्वर मंदिर

चेन्नई में स्थित यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर की नक्काशी और गोपुरम पत्थर के खंभे और प्रवेश द्वार पर्यटकों को अचंभित करते हैं। इस मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है।

श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर 

वेल्लोर में स्थित यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है। मालाकोडी की पहाड़ियां मंदिर को सुंदरता प्रदान करती है। यह मंदिर पूर्णतः शुद्ध सोने से बना हुआ है।

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श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर  

तिरुचिरापल्ली स्थिति यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में शानदार 21 मीनारें हैं। यहां एशिया का सबसे ऊंचा गोपुरम भी है। यह मंदिर दिव्यदेशम के 108 मंदिरों में से सबसे पहला और प्रमुख मंदिर है। इस मंदिर को धरती पर ‘बैकुंठ’ के नाम से जाना जाता है। 

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