
Ashadha Amavasya 2025: अमावस्या तिथि को धार्मिक कार्यों को करने के लिए बेहद खास माना जाता है। खासकर इस दिन पितरों की पूजा करने और उनके निमित्त तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति हमें होती है। जून के महीने में आषाढ़ अमावस्या तिथि पड़ेगी और इस दौरान भी दान-पुण्य और पितरों का पूजन करना बेहद शुभ माना जाएगा। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि जून के माह में आषाढ़ अमावस्या तिथि कब है और पूजन, तर्पण आदि के लिए शुभ समय कब रहेगा।
आषाढ़ अमावस्या डेट
आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत पंचांग के अनुसार 24 जून की शाम से होगी। 24 जून को शाम 7 बजकर 2 मिनट से होगी वहीं इसकी समाप्ति 25 जून की शाम 4 बजकर 4 मिनट पर हो जाएगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार आषाढ़ अमावस्या तिथि 25 जून को मानी जाएगी। इसी दिन तर्पण, दान-पुण्य और धार्मिक क्रियाकलापों को करना शुभ माना जाएगा।
तर्पण और दान पुण्य के लिए शुभ समय
आषाढ़ अमावस्या के दिन आप सुबह 5 बजे से सुबह 11 बजे तक स्नान-दान, पूजा-पाठ और पितरों का तर्पण कर सकते हैं। धार्मिक मान्यातओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद बरसता है। साथ ही ऐसा करने से पितृदोष से भी आपको मुक्ति मिलती है।
अमावस्या तिथि पर क्या करना शुभ
आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ पूजन तो आपको करना ही चाहिए इसके साथ ही पशु-पक्षियों को अन्न और दाना खिलाना चाहिए। आषाढ़ अमावस्या बुधवार के दिन है इसलिए आप अगर इस दिन गाय को हरा चारा खिलाते हैं तो करियर के क्षेत्र में शुभ फलों की प्राप्ति आपको हो सकती है। इस दिन शाम के समय देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में बरकत आती है। इसके साथ ही अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से आपके पितरों को शांति मिलती है। इस दिन आप हनुमान चालीसा का पाठ करके बल-बुद्धि और विद्या प्राप्त कर सकते हैं। अमावस्या आध्यात्मिक उत्थान का दिन भी है इसलिए योग-ध्यान करने से भी इस दिन आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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