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Lapsi Tapsi Ki Kahani: करवा चौथ पर जरूर पढ़नी चाहिए लपसी तपसी की कहानी, जानिए क्या है इसकी वजह

Lapsi Tapsi Ki Kahani Lyrics PDF: क्या आपने लपसी तपसी की कहानी के बारे में सुना है? अगर नहीं तो इसके बारे में आपको जरूर जान लेना चाहिए। ये एक ऐसी कथा है जो हर व्रत में पढ़ी जा सकती है। आज करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी है। ऐसे में इस दिन लपसी तपसी की कहानी जरूर सुनें।

Written By: Laveena Sharma @laveena1693
Published : Oct 10, 2025 11:26 am IST, Updated : Oct 10, 2025 07:37 pm IST
lapsi tapsi ki kahani- India TV Hindi
Image Source : CANVA लपसी तपसी की कहानी

Lapsi Tapsi Ki Kahani Lyrics PDF: करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी व्रत में लपसी-तपसी की कहानी जरूर सुननी चाहिए। कहते हैं प्रत्येक व्रत में इस कहानी को पढ़ने या सुनने से खूब पुण्य मिलता है। कथा के अनुसार लपसी-तपसी नाम के दो भाई थे। जिसमें तपसी भाई तपस्या में लीन रहता था जबकि लपसी भाई भगवान को लापसी का भोग लगाकर स्वयं खा लेता था। एक दिन दोनों ने नारद से पूछा कि कौन बड़ा भक्त है। चलिए जानते हैं नारद जी ने कैसे दोनों की परीक्षा ली। 

लपसी तपसी की कहानी (Lapsi Tapsi Ki Kahani)

लपसी-तपसी नाम के दो भाई थे जिनमें तपसी भगवान की तपस्या में लीन रहता था तो वहीं लपसी प्रत्येक दिन सवा सेर की लापसी बनाकर भगवान का भोग लगा कर ही जीमता था। एक दिन दोनों भाइयों में झगड़ा हो गया। तपसी बोला मैं बड़ा हूं और लपसी बोला मैं बड़ा हूं। दोनों लड़ ही रहे थे कि वहां नारदमुनि पहुंच गए। नारद जी ने कहा कि आप दोनों क्यों लड़ रहे हो? तो लपसी ने कहा मैं बड़ा हूं और तपसी ने कहा मैं बड़ा हूं। तपसी बोला मैं सारे दिन भगवान की पूजा करता हूं। यह सुन नारद जी ने कहा मैं तुम्हारा फैसला कल कर दूंगा।

दूसरे दिन लपसी और तपसी नहा कर अपनी रोज की भक्ति करने आये तो नारद जी ने छुप करके सवा करोड़ की एक एक अंगूठी उन दोनों के आगे रख दी। तपसी ने तुरंत ही अंगूठी अपने घुटने के नीचे छिपा ली और सोचने लगा कि अब मुझे इससे खूब धन मिलेगा। जिससे में यज्ञ करूंगा और अपने आप ही बड़ा हो जाऊंगा। लेकिन लपसी ने जब अंगूठी देखी तो उसने सोचा कि अगर मैं इसे अपने पास रखूंगा तो कोई भी आकर मेरी गर्दन काट देगा। ऐसा सोचकर लपसी ने वो अंगूठी फेंक दी।

फिर नारद जी ने तपसी से पूछा कि तेरे घुटने के नीचे क्या है? तो तपसी ने अपना घुटना उठाया तो वहां अंगूठी निकली। तब नारदमुनि ने तपसी से कहा कि तपस्या करने के बाद भी तुम्हारी चोरी करने की आदत नहीं गयी इसलिए लपसी बड़ा है। तुम्हें तुम्हारी तपस्या का भी कोई फल नहीं मिलेगा। जिस पर तपसी शर्मिंदा होकर माफी मांगने लगा। तब तपसी बोला नारद देव जी मेरी ये आदत कैसे छुटगी। इसका कोई उपाय बताएं। तो नारद जी ने कहा कि कार्तिक महीने में जो स्त्रियां कार्तिक व्रत रखेंगी। अगर वे तुझे अपना पुण्य देंगी तब ही यह पाप उतरेगा।

तब नारद जी ने कहा कि..

  • यदि कोई गाय और कुत्ते की रोटी नहीं बनायेगा तो फल तुझे मिलेगा।
  • यदि कोई ब्राह्मण को जिमा कर दक्षिणा नही देगा तो फल तुझे मिलेगा।
  • यदि कोई साड़ी के साथ ब्लाउज नहीं देगा तो फल तुझे मिलेगा।
  • यदि कोई दिये से दिया जलाएगा तो फल तुझे मिलेगा।
  • यदि कोई सारी कहानी सुने लेकिन तुम्हारी कहानी नहीं सुने तो फल तुझे मिलेगा।

उसी दिन से हर व्रत कथा कहानी के साथ लपसी तपसी की कहानी भी सुनी और कही जाती है।

Lapsi Tapsi Ki Kahani PDF

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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