Sunday, April 28, 2024
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गैरी कर्स्टन ने बताई पूरी कहानी, जब 7 मिनट में वह बन गए थे टीम इंडिया के कोच

कर्स्टन ने कहा,‘‘इस तरह से अजीबोगरीब ढंग से मेरा इस क्षेत्र में प्रवेश हुआ जो सही भी था। मेरे कहने का मतलब है कि मुझे कोचिंग का किसी तरह का अनुभव नहीं था।’’   

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Published on: June 15, 2020 11:59 IST
Gary Kirsten became the coach of Team India in 7 minutes- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Gary Kirsten became the coach of Team India in 7 minutes

टीम इंडिया के सबसे सफल कोच की गिनती में गैरी कर्स्टन का नाम जरूर आता है। उनकी अगुवाई में ही टीम इंडिया 2009 में टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची वहीं उसके दो साल बाद वर्ल्ड कप भी जीता। कर्स्टन ने बताया कि कैसे वह कोचिंग के क्षेत्र में अनुभवहीन होने के बावजूद मात्र 7 मिनट में टीम इंडिया के कोच बने और उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि उन्हें कोच बनाने में किसने अहम भूमिका निभाई।

कर्स्टन ने ‘क्रिकेट कलेक्टिव’ पॉडकास्ट में कहा,‘‘मुझे सुनील गावस्कर का ईमेल मिला था कि क्या मैं भारतीय टीम का कोच बनना चाहूंगा। मुझे लगा कि यह मजाक है। मैंने इसका जवाब भी नहीं दिया। उन्होंने मुझे एक और मेल भेजा जिसमें कहा था, ‘‘क्या आप साक्षात्कार के लिये आना चाहोगे।’’ मैं उसे अपनी पत्नी को दिखाया और उसने कहा कि उनके पास कोई गलत व्यक्ति है।’’ 

कर्स्टन ने कहा,‘‘इस तरह से अजीबोगरीब ढंग से मेरा इस क्षेत्र में प्रवेश हुआ जो सही भी था। मेरे कहने का मतलब है कि मुझे कोचिंग का किसी तरह का अनुभव नहीं था।’’ 

कर्स्टन ने इसी के साथ बताया कि जब वह भारत में इस पद के लिए इंटरव्यू देने आए थे तो अनिल कुंबले उन पर हंसे भी थे। कर्स्ट ने कहा, ‘‘मैं इंटरव्यू के लिये पहुंचा तो कई अजीबोगरीब अनुभव हुए। जब मैं इंटरव्यू के लिये आया तो मैंने अनिल कुंबले को देखा जो तब भारतीय कप्तान था और उन्होंने कहा, ‘तुम यहां क्या कर रहे हो।’ मैंने कहा कि मैं आपका कोच बनने के लिये साक्षात्कार देने आया हूं ’’ कर्स्टन ने कहा, ‘‘हम इस पर हंस पड़े थे। यह हंसने वाली बात भी थी।’’

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कर्स्टन भी इस वजह से हंस पड़े थे क्योंकि उन्हें इससे पहले कोचिंग का अनुभव नहीं था। कर्स्टन ने आगे कहा,‘‘मैं बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) अधिकारियों के सामने था और माहौल काफी गंभीर था। बोर्ड के सचिव ने कहा, ‘‘मिस्टर कर्स्टन क्या आप भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर अपना दृष्टिकोण पेश करोगे।’ मैंने कहा, ‘मेरे पास कुछ भी नहीं है। किसी ने भी मुझसे इस तरह की तैयारी करने के लिये नहीं कहा था। मैं अभी यहां पहुंचा हूं।’’

इसी के साथ गैरी ने बताया कि रवि शास्त्री ने उस इंटरव्यू के दौरान महौल को हल्का करने की कोशिश भी की थी। कर्स्टन ने आगे कहा,‘‘समिति में शामिल रवि शास्त्री ने मुझसे कहा, ‘गैरी हमें यह बताओ कि दक्षिण अफ्रीकी टीम के रूप में भारतीयों को हराने के लिये आप क्या करते थे।’ मुझे लगा कि माहौल हल्का करने के लिये यह बहुत अच्छा था क्योंकि मैं इसका उत्तर दे सकता था और मैंने दो तीन मिनट में उसका जवाब दिया भी पर मैंने ऐसी किसी रणनीति का जिक्र नहीं किया जो हम उस दिन उपयोग कर सकते थे।’’ 

कर्स्टन ने कहा,‘‘वह और बोर्ड के अन्य सदस्य काफी प्रभावित थे क्योंकि इसके तीन मिनट बाद बोर्ड के सचिव ने मेरे पास अनुबंध पत्र खिसका दिया था। मेरा साक्षात्कार केवल सात मिनट तक चला था।’’ 

कर्स्टन ने कहा,‘‘मैंने अनुबंध हाथ में लिया और पहला पेज देखा तो अपना नाम ढूंढने लगा। मैंने अपना नाम नहीं देखा लेकिन मुझे ग्रेग चैपल का नाम दिखा जो पूर्व कोच थे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने उसे वापस खिसकाकर कर कहा, ‘‘सर, आपने मुझे अपने पिछले कोच का अनुबंध सौंपा है। उन्होंने अपनी जेब से पेन निकाला और उनका (चैपल) नाम काटकर उस पर मेरा नाम लिख दिया था।’’ 

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