Sunday, April 28, 2024
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ईशान और श्रेयस को BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से ये नुकसान, पैसों के अलावा इस पर भी असर

BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से ईशान किशन और श्रेयस अय्यर का केवल पैसों का ही नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा भी बहुत सारी सुविधाएं ​बीसीसीआई की होती हैं, जिनसे उन्हें हाथ धोना पड़ सकता है।

Pankaj Mishra Written By: Pankaj Mishra @pankajplmishra
Published on: February 29, 2024 17:27 IST
ishan kishan shreyas iyer- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV ईशान और श्रेयस को BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से ये नुकसान, पैसों के अलावा इस पर भी असर

Ishan Kishan Shreyas Iyer : श्रेयस अय्यर और ईशान किशन पिछले कुछ वक्त में अपने प्रदर्शन से इतने चर्चा में नहीं रहे, जितने अब बीसीसीआई का सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से हैं। बीसीसीआई ने भले ही बुधवार शाम को इसका ऐलान किया हो, लेकिन इसके अगले दिन तक सबसे ज्यादा बातें उन्हीं को लेकर हो रही हैं। इन सभी के बीच चलिए हम आपको बताते हैं कि बीसीसीआई का सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को पैसों के अलावा और क्या क्या नुकसान हो सकते हैं। 

सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट वाले खिलाड़ियों को बीसीसीआई देता है सालाना पैसे 

बीसीसीआई की ओर से अपने सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट वाले खिलाड़ियों को हर साल पैसे दिए जाते हैं। अभी तक की जो जानकारी है, उसके हिसाब से ए प्लस कैटेगरी के लिए सात करोड़, ए के लिए 5 करोड़, बी के लिए 3 करोड़ और सी के लिए एक करोड़ रुपये तय है। इसके अलावा मैच खेलने पर उसकी मैच ​फीस अलग से दी जाती है, जो तीनों फॉर्मेट के लिए अलग है। हालांकि इस बार जब बीसीसीआई ने अपने सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट की घोषणा की है तो उसमें पैसों का जिक्र नहीं है, ऐसे में हो सकता है आने वाले वक्त में इसमें कुछ बदलाव किए जाएं। 

shreyas iyer and ishan kishan

Image Source : GETTY
shreyas iyer and ishan kishan

श्रेयस बी और ईशान सी कैटेगरी में थे 

साफ है कि श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई ने सालाना मिलने वाली फीस का नुकसान होगा। श्रेयस अय्यर अब तक बी कैटेगरी में थे और ईशान किशन सी कैटेगरी में थे। अब आप समझ लीजिए कि साल में इतना नुकसान तो तय हो ही गया है। ये तो रही पैसों की बात लेकिन नुकसान की लिस्ट भी खत्म नहीं हुई है। बीसीसीआई की ओर से जिस भी खिलाड़ी को सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट दिया जाता है, उसके लिए एनसीए के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। खिलाड़ी चोटिल होने पर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु जाकर अपना इलाज करा सकता है और वहां मौजूद सारी सुविधाओं का फायदा उठा सकता है। लेकिन जो खिलाड़ी सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में शामिल नहीं होता है, वो अपने राज्य की क्रिकेट एसोसिएशन से सम्पर्क करता है। अगर राज्य क्रिकेट एसोसिएशन उन्हें एनसीए भेजती है तो वे जा सकते हैं। लेकिन इसमें लंबा झमेला है। 

इंश्योरेंस कवर से भी हाथ धो बैठेंगे दोनों खिलाड़ी 

इसके साथ ही बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में शामिल खिलाड़ी का एक बड़ा बीमा भी होता है। जिसे अंग्रेजी में इंश्योरेंस कहते हैं। ऐसे में खिलाड़ी अगर चोटिल होने के ​कारण आईपीएल या फिर इंटरनेशनल मैच मिस करता है तो फिर उसे इस बीमा का फायदा मिलता है। अभी आपने देखा ही होगा कि रिषभ पंत का जब भयंकर हादसा हुआ तो बीसीसीआई की ओर उसके इलाज का पूरा प्रबंध किया गया। इसके बाद इस वक्त मोहम्मद शमी अपना इलाज विदेश में करा रहे हैं, इसका भी सारा खर्च इसी के तहत वहन किया जा रहा है। भगवान न करे ईशान किशन और श्रेयस अय्यर अगर चोटिल होते हैं तो फिर उन्हें इसका भी फायदा नहीं मिल पाएगा। यानी सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट खोने से फायदा एक भी नहीं है, नुकसान ही नुकसान है। 

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