इस पनडुब्बी के लिए चीन और पाकिस्तान दोनों देशों ने 2018 में चार बहुउद्देश्यीय युद्धपोतों के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। पहला और दूसरा जहाज पीएनएस तुगरिल और पीएनएस तैमूर 2022 में पाकिस्तानी नौसेना के बेड़े में शामिल हुए।
रिलायंस पावर पिछले कुछ महीनों में सक्रिय रूप से डीबीएस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सहित विभिन्न बैंकों के साथ ऋण निपटान समझौतों पर हस्ताक्षर कर रही है।
मालदीव के राष्ट्रपति मो. मुइज्जू ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा और वह चीन की गोद में खेलने लगे हैं। मगर आज भी मालदीव भारत के कर्ज और एहसान तले दबा है। मौजूदा वक्त में भी मालदीव में हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुनर्विकास सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं भारत के सहयोग और कर्ज से चल रही हैं।
वोडाफोन आइडिया के शेयर में बीते एक साल में काफी तेजी आई है। यह उछाल 136 प्रतिशत का है। वोडाफोन-आइडिया इस साल अपनी 5G सर्विस लॉन्च कर सकती है।
Karj Mukti Ke Upay: अगर आपके सिर पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है तो आज ही वास्तु के इन उपायों को आजमाएं। इन उपायों की मदद से आप कर्ज से जल्द से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
लोन लेने से पहले खुद से यह सवाल जरूर करें कि क्या यह जरूरी है? क्या इसके बिना आपका काम नहीं चल सकता? लोन के बजाय दूसरे विकल्पों से अगर आपकी आर्थिक जरूरत पूरी हो सके, तो उन पर जरूर विचार करें।
अमेरिका भले ही यूक्रेन से लेकर इजरायल जैसे देशों को बड़े-बड़े रक्षा सहायता पैकेज दे रहा हो। वह भले ही पाकिस्तान जैसे आतंक के समर्थक देशों को रक्षा और रखरखाव के नाम पर अरबों डॉलर की मदद देता है, लेकिन उसकी खुद की हालत नाजुक हो चुकी है। अमेरिका पर राष्ट्रीय कर्ज अब रिकॉर्ड 34 हजार अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।
राज्यों को जल-आपूर्ति और स्वच्छता, शहरी विकास, सड़कों एवं सिंचाई जैसे ढांचागत क्षेत्रों पर पूंजीगत व्यय 18-20 प्रतिशत होने से कुल राजस्व घाटा बढ़ेगा। इसलिए राज्यों को अधिक कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी।
गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे श्रीलंका को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिले ऋण के जरिये उबरने की उम्मीद है। श्रीलंका की सरकार ने आईएमएफ की दूसरी किस्त का इस्तेमाल अपने बहुपक्षीय कर्जदाताओं का कर्ज देने में करने का फैसला किया है। श्रीलंका इससे धीरे-धीरे आर्थिक हालात को पटरी पर लाने का प्रयास करेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व में मदद करने वाले देशों की तारीफ की है। ताकि बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान को फिर से दया की भीख मिल सके। पाकिस्तान में हजारों लोग बाढ़ से बेघर हो चुके हैं। दो वक्त की रोटी के भी गरीबों को लाले पड़े हैं।
आर्थिक तंगी से कराहते पाकिस्तान के कटोरे में सऊदी अरब ने आखिरकार 2 अरब डालर की अतिरिक्त भीख डाल दी है। इससे निश्चित रूप से भूख से तड़पते पाकिस्तान को कुछ ना कुछ राहत जरूर मिलेगी। मगर क्या अब इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए मेहरबान हो सकता है।
Karj Mukti Ke Upay: अगर आपके ऊपर पैसों का काफी बोझ है तो वास्तु के मुताबिक घर में कुछ जरूरी बदलाव कर के इससे छुटकारा पा सकते हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कर्ज से मुक्ति के उपाय।
Odisha News: युवक ने अपने दादा के अंतिम संस्कार के लिए पिछले महीने आरोपी से 1500 रुपये उधार लिए थे। लेकिन किए वादे के तहत वह उसे 30 दिन के भीतर लौटा नहीं पाया।
Pakistan in debt: भयंकर बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आकर खड़ी हो गई है। इससे पाकिस्तान के बेमौत मारे जाने की आशंका भी प्रबल हो गई है। दरअसल पाकिस्तान सिर्फ बाढ़ में ही नहीं डूबा है, बल्कि वह भयंकर कर्ज में भी डूब चुका है। इससे उसके लोगों के भूखों मरने की नौबत आ गई है।
हंबनटोटा बंदरगाह के पास राजपक्षे एयरपोर्ट है। इसे चीन से 200 मिलियन डॉलर लेकर बनाया गया है। एयरपोर्ट का इस्तेमाल बहुत कम होता है। ऐसे भी हालात आए, जब इसके पास अपना बिल भरने तक के पैसे नहीं थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया।
कंगाल पाकिस्तान में भले ही सत्ता बदल गई हो, लेकिन कटोरा लेकर कर्ज की भीख मांगने की आदत अभी भी छूटी नहीं है। शहबाज शरीफ करें भी तो क्या। इमरान से सत्ता तो छीनी, लेकिन तब तक इमरान खान देश को ऐतिहासिक कर्ज में डुबो चुके थे।
चीन डॉलर डिप्लोमेसी से एशिया के गरीब देशों को अपने मकड़जाल में फंसा रहा है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका और पाकिस्तान हैं। वह एशियाई व गरीब अफ्रीकी देशों को के साथ ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति अपनाता है। इस नीति की अमेरिका कई बार आलोचना कर चुका है।
गरीब देशों की भ्रष्ट सरकारें चीन का लोन लेकर डिफॉल्ट कर रही हैं, और मौके का फायदा उठाकर चीन इन देशों में जमीनें, द्वीप और हवाई अड्डे हथिया रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने सितंबर 2021 तक कर्ज के आंकड़े जारी किए, जिसके एक दिन बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने बढ़ते कर्ज को "राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा" बता दिया है।
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