फिच ने अपने बयान में कहा है कि आसान मौद्रिक और राजकोषीय नीति एवं संरचनात्मक उपायों की मदद से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर रिकवर होकर 5.6 प्रतिशत और इसके अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
जोखिम से बचाव समेत विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने वाली कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर अपने अनुमान को बुधवार को बढ़ा दिया।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8 प्रतिशत थी।
आईएलएफएस (IL&FS) की अंतरिम ऑडिट रपट के खुलासों पर हो रहे विवादों में खुद को फंसा पाने पर इंडिया रेटिंग्स ने शनिवार को कहा कि उसकी मातृ कंपनी फिच के सिंगापुर कार्यालय ने इस मामले में वरिष्ठ निदेशक की भूमिका की जांच की है।
बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बीते वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि रर 6.8 प्रतिशत रही है, जो इसका पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है।
एजेंसी ने कहा है कि देश की कमजोर राजकोषीय स्थिति उसकी रेटिंग के सुधार के रास्ते में बाधा बनी हुई है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये देश की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान शुक्रवार को सात प्रतिशत से घटाकर 6.80 प्रतिशत कर दिया।
फिच ने कहा कि अंतरिम बजट से राजकोषीय मजबूती के लिए सरकार के प्रयास का कुछ संकेत मिलेगा।
फिच रेटिंग्स का अनुमान है कि 2019 के अंत तक रुपया टूटकर 75 रुपए प्रति डॉलर तक कमजोर हो जाएगा।
रेटिंग एजेंसी फिच ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष के लिये भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया।
रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से टेलीकॉम सेक्टर में मौजूद सभी कंपनियों को अपने टैरिफ प्लान के दाम घटाने पड़े। यह लड़ाई इतनी बढ़ी की सभी कंपनियां नकदी संकट से अभी तक जूझ रही हैं।
भारत की क्रेडिट रेंटिंग में लगातार 12वें साल बदलाव करने से इनकार करते हुए गुरुवार को वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने इसकी रेटिंग को बीबीबी नकारात्मक बनाए रखा है
तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर रियायत देने के सरकार के निर्णय का उनके लाभ और वित्तीय साख को प्रभावित करने वाली परिस्थितयों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के लिए अपने पूर्वानुमान को पहले के 7.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसने कर्ज की लगत बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम बताया है।
वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- श्रेणी में बरकार रखा है। रेटिंग का यह स्तर बताता है कि फिच की निगाह में भारत सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने आईसीआईसीआई बैंक में कंपनी संचालन व्यवस्था पर संदेह जताया है। बैंक की प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर के ऊपर पद के गलत उपयोग के आरोप के बीच रेटिंग एजेंसी ने यह बात कही।
फिच रेटिंग्स से पहले बुधवार को विश्व बैंक ने भी 2017-18 के दौरान भारत में GDP की ग्रोथ बढ़ने का अनुमान जारी किया था।
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