क्या गंगा किनारे कोई लाश दबा रहा है.. उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे क्या हो रहा है? देखिए रिपोर्टl
सोशल मीडिया पर गंगा किनारे की तस्वीरें जबरदस्त वायरल हैं। गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे ज्यादा वीडियो प्रयागराज शहर के फैलाए गए हैं। श्मशान घाट की तस्वीरें विदेशी अखबारों में छपी हैं। गंगा किनारे इस वक्त क्या हालात हैं? प्रयागराज शहर की आज की तस्वीर कैसी है? पूरी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट देखिए।
कोरोना संक्रमण दूसरी लहर में देश में हाहाकार मचा हुआ है। वही बिहार के बक्सर में गंगा नदी में तैरती लाशों का सिलसिला जारी है।उन्नाव जिले की बीघापुर पाटन तहसील में गंगा नदी के बक्सर घाट पर दफनाये गये कई शव कथित रूप से बरामद होने पर, जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिये है।
कोरोना संक्रमण दूसरी लहर में देश में हाहाकार मचा हुआ है। हर रोज हजारो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने से श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है। वही बिहार के बक्सर में गंगा नदी में तैरती लाशों का सिलसिला जारी है। इस बीच यूपी के उन्नाव में भी गंगा नदी के पास रेत से दबी कई लाशें बरामद हुई हैं।
कोरोना वायरस की दूसरी के बीच गंगा समेत कई नदियों में बहते हुए शव मिलने हाहाकार मचा हुआ है। अब इस संबंध में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में ऐसे कई लोगों की मौत की जांच की मांग की गई जिनके शव बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में बहते पाए गए थे।
उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को याचिका दायर कर ऐसे कई लोगों की मौत की जांच की मांग की गई जिनके शव बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में बहते पाए गए थे।
बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर गंगा नदी में मिले शवों को लेकर अब बिहार में सियासत तेज हो गई है। इस बीच, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सरकार पर इस मामले को लेकर निशाना साधा है।
उन्नाव के डीएम का कहना है कि गाँवों में कई बार परंपरागत रूप से लोग शव को दफ़ना देते है.अब घाट पर प्रशासन की टीम पहुँच गई है लोगों से कहा जा रहा है कि वो शव दफ़नाए नही पूरी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करे
पूर्वी यूपी और बिहार में गंगा नदी में संदिग्ध कोविड रोगियों के शवों को तैरते हुए देखे जाने के चार दिन बाद, एक रिपोर्ट से पता चला है कि उन्नाव जिले में गंगा नदी के किनारे दो स्थानों पर कई शव रेत में दफन किए गए हैं।
UP के उन्नाव में दिखीं भयावह तस्वीरें, दाह संस्कार की जगह गंगा किनारे रेत ... यहां गंगा नदी के किनारे ही लोगों ने शवों को रेत में दफना दिया।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल को मंगलवार सुबह दो टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन मिली। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि ‘‘पिछले कुछ दिनों’’ की तुलना में अब वे ‘‘बेहतर स्थिति’’ में है।
ऑक्सिजन की सप्लाई के हालात ऐसे हैं कि सर गंगाराम अस्पताल पिछले तीन दिनों से अपने ऑक्सीजन सिलेंडर फिर से भरे जाने का इंतजार कर रहा है जिनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों को लाने-ले जाने में किया जाता है।
अस्पताल में ज्यादा बीमार कोरोना मरीजों को कोविड इमरजेंसी वार्ड से आईसीयू और वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट करते वक्त ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड़ती है। ऐसे समय के लिए अस्पताल के पास 104 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, जो तीन दिन पहले रिफिल के लिए तीन विभिन्न जगहों पर भेजे गए हैं।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल को रविवार सुबह चार बजकर 15 मिनट पर पांच मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने कहा है कि उनके पास अब कुछ मात्रा में ऑक्सीजन बचा है। अस्पताल को इस समय ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता है। 23 अप्रैल को, सर गंगा राम अस्पताल में कम से कम 25 गंभीर रूप से बीमार कोरोना रोगियों की मृत्यु हो गई।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 25 रोगियों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत की आशंका जताई जा रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ऑक्सीजन के कम दबाव की वजह से 25 "बहुत बीमार" रोगियों की मौत होने की आशंका है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली का जीटीबी अस्पताल मेडिकल ऑक्सीजन से बाहर चल रहा है, एक ऑक्सीजन टैंकर बुधवार दोपहर 1:30 बजे समय पर अस्पताल पहुंचा। ऑक्सीजन पर 500 से अधिक महत्वपूर्ण कोरोना रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आपूर्ति 2 बजे से अधिक समय तक चलने की उम्मीद नहीं थी।
चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिये और अपने सुख-सौभाग्य के लिये व्रत करती हैं।
कोविड-19 की मौजूदा लहर में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (एसजीआरएच) में 37 डॉक्टर संक्रमित हो गए हैं और उनमें से पांच को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया।
मेरठ के नौचंदी पुलिस स्टेशन जाने वाले लोग इन दिनों काफी हैरान हैं। यहां शिकायतकर्ता को माथे पर 'तिलक' लगा दिया जाता है और उसे पानी के साथ छिड़का जाता है।
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