GDP में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है और इसी को भांपते हुए शेयर बाजार में बिकवाली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ही कोवडि-19 को एक दैवीय घटना बताते हुए कहा था कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई देगा और चालू वित्त वर्ष में इसमें बड़ा संकुचन आएगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2010-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत तक गिरावट का अनुमान व्यक्त किया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 2.2 प्रतिशत घटी थी।
कोरोना संकट की वजह से जारी प्रतिबंधों का असर तिमाही के प्रदर्शन पर पड़ा
नीतियां सहीं हों तो अगले साल अर्थव्यवस्था में तेज बढ़त संभव
जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 15.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ वीडियो पेश करने के बाद अब एक बार फिर राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।
कुछ राज्यों और शहरों में एक बार फिर प्रतिबंध लगने से रिकवरी पर असर पड़ा
पहली तिमाही में वृद्धि दर औसतन शून्य से 14.2 प्रतिशत नीचे संभव
होटल, पर्यटन, मनोरंजन, यात्रा जैसे क्षेत्रों की रिकवरी में लग सकता है वक्त
सप्लाई में बाधा पड़ने से महंगाई दर पर असर संभव
2008 की चौथी तिमाही के बाद किसी भी तिमाही में दर्ज हुई सबसे ज्यादा गिरावट
पूरे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी ही, प्रत्येक तिमाही के दौरान भी अर्थव्यवस्था नीचे आएगी।
2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान
अन्य रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को स्थिर परिदृश्य के साथ घटाकर बीबीबी नकारात्मक कर दिया है।
अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 8.5 प्रतिशत संभव
ब्रिटेन में 23 मार्च से लॉकडाउन लागू है। अब अंकुशों में कुछ ढील दी जा रही है। सोमवार से गैर-आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलने जा रही हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी।
एजेंसी ने कहा कि अप्रैल मध्य से कोरोना वायरस संक्रमण में तेजी आने और इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर विपरीत असर पड़ा है।
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