सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर सूर्योदय के साथ ही नदी और जलाशयों पर श्रद्धालु सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर उनकी उपासना करेंगे। सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत संपन्न हो जाएगा।
सावन के महीने में भगवान शिव का पूजन करते समय कुछ विशेष मंत्रो जैसे ॐ नमः शिवाय, ॐ पार्वतीपतये नमः, बम बम भोले, हर हर महादेव का जप करना चाहिए।
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह दिन लोगों के लिए बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन सभी विद्यार्थियों द्वारा गुरु की पूजा की जाती है।
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