घरों की बिक्री में मात्रा और मूल्य, दोनों लिहाज से बढ़ोतरी समग्र अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। मूल्य के लिहाज से आवास बिक्री इस साल जनवरी-मार्च में 1,10,880 करोड़ रुपये रही।
देश में ऑफिस स्पेस के लिए डिमांड भी जोरदार है। सालाना आधार पर इसमें 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। कार्यालय का किराया एक से नौ प्रतिशत बढ़ा है।
शीर्ष सात शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतों में 2024 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 10 से 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।
एनारॉक के मुताबिक, जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान टॉप सात शहरों में 3.49 लाख यूनिट्स बेची गईं। बिक्री आंकड़ा 2022 में 3.65 लाख यूनिट्स के मुकाबले इस साल 4.5 लाख यूनिट्स को पार करने को तैयार है।
देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़ककर 55,907 इकाई पर पहुंच गई। प्रॉपटाइगर.कॉम ने यह जानकारी दी है।
डेटा एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार इस साल जनवरी-अगस्त के दौरान दिल्ली-एनसीआर के संपत्ति बाजार में घरों की बिक्री 22 प्रतिशत गिरकर 16,846 इकाई रह गई, लेकिन नयी आपूर्ति 42 प्रतिशत बढ़कर 17,615 इकाई पर पहुंच गयी।
डेटा एनालिटिक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से अप्रैल-जून, 2021 तिमाही में देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 58 प्रतिशत की कमी आयी।
डेवलपर्स द्वारा कम ब्याज दरों के साथ भुगतान विकल्पों में लचीलापन, और घरों की स्थिर कीमतें जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने लोगों की घर खरीदने की भावना को दोबारा प्रेरित किया।
अप्रैल-जून की तिमाही में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 19,635 इकाई रही। जनवरी-मार्च तिमाही में यह 25,583 इकाई और पिछले साल अप्रैल-जून की तिमाही में 10,753 इकाई रही थी।
मकान का फ्लोर एरिया (जितने जगह में मकान बना है) 2018 में घटकर प्रति व्यक्ति के हिसाब से 86 वर्ग फुट पर आ गया, जो 2012 में 111 वर्ग फुट था।
केंद्र द्वारा किए गए उपायों और कुछ राज्यों द्वारा स्टाम्प ड्यूटी में कटौती के कारण पिछले कुछ महीनों में आवास की बिक्री में सुधार हुआ है।
मौजूदा महामारी संकट ऐसा है, जिसके बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इसके चलते भारत समेत दुनिया की अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने का अनुमान है।
हालांकि, इस दौरान नोएडा में बिक्री में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 1,123 इकाई से बढ़कर 1,177 इकाई हो गई।
इलारा टेक्नोलॉजीज के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने रियल एस्टेट बाजार को रफ्तार देने के लिए हाल में जो कदम उठाए हैं उनका काफी सीमित प्रभाव पड़ा है।
शीर्ष आठ शहरों में 2019 में बिक्री में सालाना आधार पर एक प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कमजोर मांग से देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री 9.5 प्रतिशत गिरकर 52,855 इकाई रही।
2019 की तीसरी तिमाही में शीर्ष सात शहरों में आवास बिक्री 17 प्रतिशत गिरकर 42,040 करोड़ रुपए रही।
एलारा टेक्नोलॉजीज के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में और 0.25 प्रतिशत की कटौती ने रीयल एस्टेट सेक्टर को ऐसे समय में खुशी प्रदान की है, जब हम उम्मीद कर रहे हैं कि त्यौहारी सीजन में मकानों की बिक्री में इजाफा होगा।
देश के सात प्रमुख शहरों में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत गिरकर 55,080 इकाई रही।रीयल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि खरीदार मकान में निवेश करने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।
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