कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा समय तक प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है और एक बार फिर निर्यात पुनरूद्धार का आधार बनेगा।
एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
वायरस की वापसी से 2021 में भारत के वृद्धि पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, हालांकि यह संभावना है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा।
मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को करीब चार प्रतिशत घटाकर मंगलवार को 9.3 प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने 13.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा था।
मूडीज ने उम्मीद जताई कि संक्रमण की मौजूदा लहर से निपटने के लिए एक देशव्यापी लॉकडाउन के विपरीत छोटे-छोटे कटेंटमेंट जोन पर जोर दिया जाएगा
मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है, तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
मूडीज के मुताबिक एशिया प्रशांत क्षेत्र में बैंकों का बढ़ता एनपीए और बीमा कंपनियों का उतार-चढ़ाव वाला निवेश पोर्टफोलियो चिंता का विषय है। ऐसे में अगले दो साल के दौरान उभरते एशिया में बैंकों की पूंजी घटेगी।
दूसरे दौर की राहत में सरकारी कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत यानि एलटीसी के एवज में नकद वाउचर योजना और त्योहारों के लिए विशेष अग्रिम (फेस्टिवल एडवांस) देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा सरकार ने राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज तथा 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजीगत खर्च करने की घोषणा की है।
अनुमानों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी देखने को मिलेगी। एजेंसी के मुताबिक तीसरी तिमाही से रिकवरी शुरू होगी और 2021-22 में अर्थव्यवस्था में बेस इफेक्ट की वजह से तेज बढ़त देखने को मिल सकती है।
केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
महामारी के वजह से पहले से दबाव सह रहे सरकारी बैंकों के NPA में बढ़त की आशंका
कोरोना की वजह से होने वाले बदलावों से एशिया के कुछ विकासशील देशों को फायदा संभव
वर्ल्ड इमोजी डे पर हम आपको आपके फेवरेट सेलेब्स के मूड से मिलते-जुलते इमोजी के बारे में बताते हैं।
2021 में अर्थव्यवस्था के 6.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करने का अनुमान
6 कंपनियों की रेटिंग गिरावट के बाद ‘जंक’ स्तर से सिर्फ एक कदम ऊपर
कोरोना संकट से 21 अभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की रेटिंग या आउटलुक में गिरावट
रिलायंस इंडस्ट्रीज की रेटिंग बरकरार लेकिन आउटलुक निगेटिव
मूडीज ने इस बात का विशेष उल्लेख किया है कि रेडिंग घटाना पूरी तरह से कोविड-19 प्रकोप के विनाशकारी प्रभाव से प्रेरित नहीं था, इसके पीछे और भी कई कारक थे।
खपत कम होने और कारोबारी गतिविधियां थमने से घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी
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