आसमान में अगर आपने अबतक चांद को नहीं देखा है तो अब देख लीजिए। आज चांद चमकीला और बड़ा दिख रहा है। आज के इस चांद का संबंध हिरण के सींग से भी है। जानकर होंगे हैरान।
क्या आपने कभी सोचा है कि चांद को मामा ही क्यों कहा जाता है। इसके एलावा कुछ और क्यों नहीं कहा जाता है।
नया क्षुद्रग्रह यानी एस्टेरॉयड है, जिसका नाम 2023 FW13 है। यह हमारी पृथ्वी का 2100 साल पुराना साथी है जो हमारी धरती के साथ ही सूर्य के चक्कर लगाता है।
आज की रात यानी 24 मई की रात खास होने वाली है। आप रात में चंद्रमा-मंगल और शुक्र तीनों ग्रहों को एक साथ देख सकेंगे। ये दुर्लभ नजारा सालों-साल बाद दिखाई देगा।
मई के महीने में आपको आसमान में बेहद अद्भुत नजारे दिखेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखें होंगे। नासा ने इसे लेकर खास तारीखें जारी की हैं और बताया है किस दिन आप क्या देख सकेंगे। तो हो जाईए तैयार-
जापान की एक कंपनी का अंतरिक्ष यान बुधवार को चंद्रमा पर उतरने की कोशिश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के कारण यान से संपर्क टूट गया और उड़ान नियंत्रक यह पता लगाने की कोशिशों में जुटे हैं कि आखिर वहां हुआ क्या।
अब बृहस्पति के चंद्रमाओं पर भी जीवन की खोज के लिए लगातार परीक्षण और तैयारियां की जा रही हैं। इसी कड़ी में यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी आज ‘जूस‘ मिशन को लॉन्च करने जा रही हैै। ‘जूस‘ का अर्थ है ‘ज्यूपिटर आईसी मून्स एक्सप्लोरर‘।
नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है, जो एक साथ चांद पर जाएंगे। इन चारों में अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच हैं, जो चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला होंगी।
आज आसमान में अद्भुत नजारा दिखा। चमकीले चांद के नीचे आकर वीनस छुप गया। ऐसा नजरा आपने कभी नहीं देखा होगा। कई लोगों ने इसे कैमरे में कैद कर लिया।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। चंद्रयान के बाद भारत ने अब 2023 में गगनयान समेत कई अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो 3 मानवों के साथ अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की योजना तैयार कर रहा है।
Lunar New Year Celebrated in China: क्या आपने कभी चंद्र नववर्ष के बारे में सुना है, यह किस देश में, कब और क्यों मनाया जाता है। अगर आप नहीं जानते तो आइए आपको हम बताते हैं कि चंद्र नववर्ष कहां और कब मनाया जाता है? दरअसल चंद्र नववर्ष चीन में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है,जिसे कोविड के चलते कई वर्षों से रोक दिया गया।
NASA Moon Mission: अभी तक आपने मानवों के चांद पर उतरने का इतिहास ही पढ़ा रहा होगा, लेकिन क्या आप कभी चांद का चक्कर लगाने की परिकल्पना भी कर सकते हैं। शायद यह परिकल्पना बेहद रोमांचक है, लेकिन नामुमकिन सी लगती है। मगर मानव न ही सही, नासा के वैज्ञानिकों के कमाल से एक अंतरिक्ष यान चांद का चक्कर लगा आया है।
NASA Moon Mission: नासा अपने मून मिशन के एक कदम और करीब पहुंच गया है। उसका ओरियन कैप्सूल चंद्रमा तक पहुंचा है। 50 साल पहले नासा के अपोलो कार्यक्रम के बाद से यह पहली बार है, जब कोई कैप्सूल चंद्रमा तक गया है।
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने करीब आधी सदी के बाद चंद्रमा पर स्पेसशिप भेजने की दिशा में सबसे बड़ा कदम बढ़ा दिया है। ओरियॉन नाम का यह स्पेसशिप 42 दिनों में चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आ जाएगा।
देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी।
Moon Lighting: आखिर मून लाइटिंग क्या है। क्या कभी आपने इसके बारे में सुना है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) एन गणपति सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘मूनलाइटिंग’ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो में 11 अभियान मेंचांद हर साल पृथ्वी से 3.8 सेमी दूर होता जा रहा है। दरअसल, 1969 में नासा के अपोलो 11 अभियान में चंद्रमा पर जो रिफ्लेक्टर्स लगाए गए थे, उनसे इसका पता चला है।
Artemis-1 Moon Mission: नासा के महत्वाकांक्षी आर्टेमिस-1 मिशन के तहत 27 सितंबर को मून रॉकेट लॉन्च करने की योजना को एक बार फिर से टालना पड़ा था।
Moon Lighting: क्या मून लाइटिंग के बारे में आपने कभी सुना है। नाम से तो यह भी कैंडिल लाइटिंग जैसा ही आपको कुछ लग रहा है। क्या मून लाइटिंग भी कैंडिल लाइटिंग जैसी कोई रोमांस से जुड़ी चीज है, जिसे लेकर आज देश भर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं या फिर ये कुछ और है।
Mining on Moon: धरती की कोख में सोना, चांदी से लेकर, हीरे-मोती, लोहा, कीमत पत्थर, कोयला, बालू समेत असंख्य रत्न हैं। मगर अब दुनिया भर में तेजी से हो रहे खनन के चलते धीरे-धीरे धरती की कोख खाली होने लगी है। ऐसे में अब इंसानों ने चांद पर खनन करने का रास्ता तैयार किया है।
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