अक्टूबर माह में आपको दो बार पूर्ण चंद्र देव का दुर्लभ अवसर मिलेगा। सामान्य तौर पर हर माह एक बार पूर्णिमा और अमावस्या पड़ती है लेकिन इस बार पूर्णिमा के अलावा एक बार और चांद आसमान पर पूरा दिखाई देगा।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) सोमवार को अपनी 'रोमांचक नई खोज' के बारे में घोषणा करने जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के साथ टेलीफोन पर अंतरराष्ट्रीय महत्व के कुछ बेहद जरूरी मुद्दों को लेकर स्थिति की समीक्षा की और विचारों का आदान-प्रदान किया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) चांद पर 4G मोबाइल नेटवर्क विकसित करने जा रहा है।
भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के आज बुधवार (22 जुलाई) को अपने प्रक्षेपण के एक साल पूरा करने के अवसर पर इसरो ने कहा है कि इसके सभी आठ उपकरण बखूबी काम कर रहे हैं।
अगर आपका कुछ चटपटा और पौष्टिक खाने का मन कर रहा है तो तुरंत मूंग दाल के चिप्स बनाइए। ये स्वाद में आपको बाजार में मिलने वाले चिप्स से ज्यादा टेस्टी लगेगा।
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
बीती रात चंद्रमा अपने आकार से बड़ा नजर आया जिसे पिंकमून कहा गया है। विक्की कौशल सहति कई बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने पिंकमून की फोटो शेयर की है।
आपको बता दें कि एक सुपरमून ऑर्बिट पृथ्वी के सबसे करीब होता है। जिसके कारण चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत 2020 में चंद्रयान-3 को लांच करेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान पर चंद्रयान-2 से भी कम लागत आएगी।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसरो के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट की तस्वीर ट्वीट की है। तस्वीर में नासा ने उस स्पॉट को दिखाया है जहां पर लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को कहा कि भारत अगले साल संभवत: नवंबर में एक बार फिर चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास कर सकता है।
karwa chauth 2019 चांद के निकलने का समय शहरों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है। चंद्रोदय पर सुहागन औऱतें व्रत खोलेंगी।
इसरो ने तीन सप्ताह से अधिक समय पहले चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान संपर्क से बाहर हुए ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क कायम करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं।
ऑफिस की जल्दी में बिना ब्रेकफास्ट किये घर से निकल जाते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी रेसिपी जिसे आप आसानी से बना सकते हैं।
भुवनेश्वर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
ऐसा कहा गया था कि ‘विक्रम’ की हार्ड लैंडिंग के कारण जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। इसरो ने आठ सितंबर को कहा था कि ‘चंद्रयान-2’ के ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर ली है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद इससे अब तक संपर्क नहीं हो पाया।
गत सात सितंबर को चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान से लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन अंतिम चरण में चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर ऊपर इसका इसरो से संपर्क टूट गया। तभी से लैंडर से संपर्क साधने के प्रयास किये जा रहे थे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से पुन: संपर्क करने और इसके भीतर बंद रोवर ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकालकर चांद की सतह पर चलाने की संभावनाएं हर गुजरते दिन के साथ क्षीण होती जा रही हैं।
डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक एवं ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले ए शिवतनु पिल्लई ने दावा किया है कि भारत हीलियम-3 प्राप्त करने के लिए 10 साल में चंद्रमा की सतह पर एक बेस स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
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