रिपोर्ट के अनुसार मार्च में कारखानों को नए ऑर्डर मिलना और उत्पादन बढ़ना सितंबर के बाद सबसे कम गति से बढ़ा है। वहीं रोजगार निर्माण में यह वृद्धि दर आठ माह के निचले स्तर पर है।
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां दिसंबर में एक माह पहले की तुलना में थोड़ा धीमी रहीं लेकिन इस क्षेत्र के लिए 2018 की समाप्ति कुल मिला कर तेजी के साथ हुई।
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नये कारोबारी ऑर्डर बढ़ने के चलते नियुक्तियों में हुयी मजबूत वृद्धि से सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जुलाई के बाद अक्टूबर में सबसे तेज गति से बढ़ी हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
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देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर में वृद्धि दर्ज की गई। विनिर्माताओं ने अपना उत्पादन बढ़ाया, साथ ही रोजगार का स्तर भी बढ़ा है।
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देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त में गिरावट देखी गई। जुलाई में 21 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद इनमें गिरावट दर्ज की गई है।
नए ऑर्डर के बढ़ने से सेवाओं के कारोबार में इस वर्ष जून में पुन: तेजी लौट आयी और इस क्षेत्र में एक साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। निक्केई/आईएचएस मार्किट सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जून में 52.6 के स्तर पर पहुंच गया जो जून 2017 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है।
देश की विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां जून में इस वर्ष की सबसे तेज गति से बढ़ी हैं।
देश के सेवा क्षेत्र में अप्रैल महीने में सुधार जारी रहा। कारोबारी गतिविधियां बढ़ने और रोजगार सृजन के सात वर्ष से अधिक समय से उच्च स्तर पर बने रहने के चलते तेजी रही। एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात कही गई।
देश की विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर की धीमी रफ्तार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर कपनियों की सुस्ती रही।
देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में साल के पहले महीने यानी जनवरी में तेजी बनी रही। एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नये कारोबारी ऑर्डरों में वृद्धि के चलते सेवा क्षेत्र की गतिविधियां तीन महीने में सबसे तेज रही।
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जनवरी में तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई। इसकी अहम वजह कारखानों का उत्पादन, नए ऑर्डर और रोजगार वृद्धि का धीमा रहना है। यह बात कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किए जाने वाले एक मासिक सर्वेक्षण में सामने आयी है।
सालभर परेशानियों के दौर से जूझने वाले भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए 2017 का अंतिम महीना शानदार वृद्धि लाने वाला रहा। दिंसबर में परिचालन स्थितियां बेहतर रहने से यह पांच महीने के उच्च स्तर पर रहा।
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GST के कारण अक्टूबर में निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग PMI अक्टूबर में घटकर 50.3 पर आ गया, जो सितंबर में 51.2 पर था।
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