रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है। युद्ध के 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी दोनों में से किसी भी देश ने नर्मी का कोई संकेत नहीं दिया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए हैं। इस युद्ध में कब क्या हो जाए और मौका मिलते ही कौन, किसकी जान ले ले कुछ कह नहीं सकते।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने के अगले दिन ट्वीट करके रूस की हार का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि युद्ध के 1 वर्ष हो चुके हैं। मगर यूक्रेन रूस की विशाल सेना से लड़ता रहा है। यूक्रेनी सैनिक आगे भी जंग करते रहेंगे। जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने यूक्रेन पर आतंकी हमला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन यात्रा के बाद बनते परमाणु युद्ध के खतरों के बीच भारत से हस्तक्षेप की मांग की गई है। अमेरिका को कहना है कि भारत को यूएस और रूस के बीच संयम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
यूक्रेन युद्ध की बरसी पर कल 24 फरवरी को राष्ट्रपति जेलेंस्की के देश में कयामत की रात आने वाली है। अमेरिका के साथ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने वाला समझौता तोड़ने के बाद बृहस्पतिवार को रूस ने अपनी सबसे खतरनाक परमाणु मिसाइल सतान-2 की तैनाती कर दी है। रूस में इसे सुपर हथियार के नाम से जाना जाता है।
यूक्रेन पर हमला करना रूस की सबसे बड़ी रणनीतिक असफलता थी। यह युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने के बाद सिद्ध हो गया है। जी-20 सम्मेलन में भाग लेने भारत आईं अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग हो रही है।
अमेरिका के साथ रूस ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले "न्यू स्टार्ट" समझौते को तोड़ने के बाद राष्ट्रपति पुतिन के खतरनाक इरादों ने दुनिया में खलबली मचा दी है। इस समझौते के टूटने के बाद दुनिया न्यूक्लियर वॉर के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले रोजाना घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। जो बाइडन की औचक यूक्रेन यात्रा के बाद रूस तिलिमला उठा है। आक्रोश में आए पुतिन ने पहले राष्ट्र के नाम संबोधन करके यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया।
यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों के खुले समर्थन ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को वैश्विक स्तर पर अपना समर्थन मजबूत करने को मजबूर किया है। तेजी से बदलते वैश्विक हालात के बीच पुतिन ने शी जिनपिंग का साथ मांगा है।
यूक्रेन युद्ध के 1 वर्ष पूरे होने से पहले ही दुनिया में पैदा हुई नई हलचलों ने सबके होश उड़ा दिए हैं। आगामी 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। हमले की बरसी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव की औचक यात्रा करके रूस का कड़ा संदेश देने का प्रयास किया।
राष्ट्र के नाम दिए गए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के संबोधन में यूक्रेन युद्ध के लिए सीधे अमेरिका और पश्चिम देशों को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद चीन का भी वक्तव्य सामने आया है। चीन के विदेश मंत्री चिन गांग ने मंगलवार को कहा कि उनका देश रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने में भूमिका निभाना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की औचक यूक्रेन यात्रा के 24 घंटे के अंदर ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के लिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। पुतिन ने कहा कि हम इस समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।
यूक्रेन से करीब 1 वर्ष से जारी भीषण युद्ध के बाद भी रूस के हथियारों का जखीरा कम नहीं हुआ है। हालांकि युद्ध के दौरान रूस को टैंकों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, मिसाइलों और फाइटर जेट समेत अन्य हथियारों का भारी नुकसान हुआ है। उन्नत पश्चिमी हथियारों के दम पर यूक्रेन ने रूस के तमाम टैंकों और मिसाइलों को अब तक ध्वस्त किया है।
यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कीव पहुंच गए हैं। यूक्रेन की राजधानी में बाइडन ने जेलेंस्की से मुलाकात की और कई अहम क्षेत्रों का जायजा भी लिया। इस दौरान बाइडन ने यूक्रेन को युद्ध में मदद के लिए 500 मिलियन डॉलर के नए रक्षा पैकेज देने के ऐलान किया है।
अमेरिका के अनुसार यूक्रेन युद्ध में चीन चोरी-चुपके से रूस की मदद कर रहा है। इसकी जानकारी अब जो बाइडन प्रशासन को हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध में चीन कई तरह से पुतिन को मदद मुहैया करा रहे हैं। इसके बाद अमेरिका ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है।
रूस और यूक्रेन युद्ध के 24 फरवरी को 1 वर्ष हो जाएंगे। मगर अभी तक यह किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। इधर युद्ध लंबा खिंचने के लिए रूस ने पश्चिमी देशों को जिम्मेदार बताया है। रूस का कहना है कि अमेरिका और पश्चिमी देश नहीं चाहते कि यूक्रेन युद्ध खत्म हो।
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए 1 वर्ष होने को हैं, लेकिन अभी तक इस तबाही का कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा। पश्चिमी देश और यूरोपीय संघों की ओर से अब तक युद्ध को रोकने की कोई पहल नहीं की गई है। यही वजह है कि इस युद्ध का अब तक कोई शांति का रास्ता नहीं खोजा जा सका है।
रूस और यूक्रेन युद्ध को करीब 1 वर्ष होने को हैं। इस बीच अमेरिका ने रूस पर सबसे गंभीर आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है कि रूस ने यूक्रेन में मानवता पर बड़ा अपराध किया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शनिवार को कहा कि अमेरिका का मानना है कि रूस ने यूक्रेन में मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं।
यूक्रेन युद्ध को लेकर पहली बार रूस और ब्रिटेन पूरी तरह आमने-सामने आ गए हैं। दोनों देश एक दूसरे को धमकी और ललकार देने लगे हैं। अभी हाल में यूक्रेन ने कहा था कि यदि उसे ब्रिटिश मिसाइलें मिल जाती हैं तो वह इनका इस्तेमाल क्रीमिया को उड़ाने में कर सकता है। इस पर रूस आग बबूला हो गया था।
पश्चिमी देशों की लामबंदी देखने के बाद रूस ने कहा है कि पश्चिमी देश मिलकर उसे नष्ट करना चाहते हैं। इसीलिए वह यूक्रेन को लगातार हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं। मगर रूस हर हाल में अपनी रक्षा करेगा। वह अपनी पहचान और भविष्य की रक्षा करने में सक्षम है।
यूक्रेन के साथ करीब 1 वर्ष से चल रहे युद्ध के दौरान रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। थिंक टैंक विशेषज्ञ थिंक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (अईआईएसएस) की एक गणना के अनुसार यूक्रेन से लगभग एक साल तक चली लड़ाई के बाद रूस की सेना के टैंकों के बेड़े का लगभग 40 प्रतिशत नष्ट हो जाने का अनुमान है।
संपादक की पसंद