रूस-यूक्रेन युद्ध को अब 500 दिन पूरे होने वाले हैं। इन 16 महीनों के युद्ध में अब तक क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं और रूस-यूक्रेन अब किस मोड़ पर खड़े हैं, यह जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि अभी तक इस युद्ध का कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। हाल में रूस ने यूक्रेन के लवीव पर बड़ा हमला किया है।
रूस की निजी सेना वैगनर आर्मी के चीफ प्रिगोझिन फिलहाल कहां हैं, इसका पता चल गया है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने उनके नए ठिकाने का खुलासा किया है। इस खुलासे से हलचल मच गई है।
पुतिन ने उस बच्ची को देखते ही गले से लगाया और दुलार किया। इस 8 साल की बच्ची का नाम रायसत अकिपोवा है। दोनों बात करते हुए नजर आ रहे है।
रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। इस बात की जानकारी रूसी वायुसेना ने दी है। साथ ही यह भी बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है।
भारत जी-20 के साथ एससीओ शिखऱ सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जैसे नेता भाग ले रहे हैं। भारत की मेजबानी में पहली बार यह सम्मेलन वर्चुअल हो रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच सैन्य संगठन नाटो अब नए सिरे से रूस को घेरने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर जो फेरबदल कि गए हैं, उसे नाटो और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मिलकर इसे अगली बैठक में पेश करेंगे।
रूस-यूक्रेन के बीच बखमुत और दोनेत्स्क क्षेत्र में फिर से भीषण जंग शुरू हो गई है। करीब 12 दिनों से शांत पड़े रूस ने वैगनर के विद्रोह के बाद संभलकर फिर से कीव पर बड़ा हवाई हमला किया है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने दर्जन भर से ज्यादा ड्रोन बम बरसाए हैं। इसमें कई लोग घायल हो गए हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके यूक्रेन के हालात समेत भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर बातचीत की है। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अब तक रूस की ओर से की गई कार्रवाई और वैगनर विद्रोह के बारे में भी जानकारी दी। पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति से समस्या समाधान को कहा।
स्वीडन में कुरान जलाने की घटना पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसा अपराध रूस में होता तो बर्दाश्त नहीं किया जाता।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। इस तारीफ के कई मायने हैं। देश में पुतिन की कमजोर होती स्थिति और दुनिया में कमजोर पड़ते रूस को अब अपना दोस्त भारत याद आने लगा है। पढ़िए क्या हैं भारत और रूस के वर्तमान समीकरण?
रूस-यूक्रेन युद्ध को 16 माह हो चुके हैं। इस दौरान सबसे बड़ा घटनाक्रम रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप का पुतिन से बगावत होना है। इससे यूक्रेन को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अचानक येवगिनी प्रिगोझिन ने पुतिन से सशस्त्र विद्रोह को वापस ले लिया। अब यूरोपीय संघ और नाटो पुतिन की ताकत का आकलन नहीं कर पा रहा।
वैगनर चीफ के ठिकाने का पता चल गया है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने उनके बारे में जानकारी दी है। हालांकि प्रीगोझिन का अभियोग से बचना एक दुर्लभ घटना है, क्योंकि क्रेमलिन बागियों और सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों से बहुत सख्ती से निपटने के लिए जाना जाता है। प्रिगोझिन ने मंगलवार को कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया।
राष्ट्रपति पुतिन से बगावत के बाद अब वैगनर ग्रुप और उसके चीफ येवगिनी प्रिगोझिन का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। भले ही क्रेमलिन ने वैगनर सेना और प्रिगोझिन पर अभियोग नहीं चलाने का फैसला किया है, लेकिन जाहिर है कि पुतिन के साथ बगावत के बाद अब प्रिगोझिन की रूस में राह आसान नहीं होगी। अब उन्हें देश से निकाला जा सकता है।
अगर वैगनर ग्रुप ने मास्को कूच का अपना फैसला वापस नहीं लिया होता और सशस्त्र सैन्य विद्रोह की जिद नहीं छोड़ी होती तो रूस की बर्बादी तय थी। यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों को पुतिन की बर्बादी का जश्न मनाने का इंतजार था, लेकिन रूसी सैन्य अधिकारियों और उनके दोस्त बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकासेंको ने इस तबाही को रोका।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने ही देश के खिलाफ बगावत करने वाली निजी सेना वैगनर ग्रुप और उसके चीफ येवगिनी प्रिगोझिन को माफ कर दिया है। क्रेमलिन ने ऐलान किया है कि प्रिगोझिन और उनकी सेना पर अब देश द्रोह का कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। जांच भी बंद कर दी जा रही है। इससे पश्चिमी देश हैरान हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ खुला विद्रोह छेड़ने वाले वैगनर आर्मी चीफ प्रिगोझिन ने मास्को से वापसी के बाद पहली बार अपना बयान जारी किया है। प्रिगोझिन ने अचानक मास्को जाने और उसके बाद 24 घंटे में ही वापस लौटने की पूरी वजह बताई है।
वैगनर ग्रुप और पुतिन के बीच बगावत भले ही फौरी तौर पर ठंडी दिखाई दे रही है, लेकिन क्या यह पूरी तरह खत्म हो गई है या फिर इसने पुतिन को कमजोर कर दिया है। क्या इस बगावत ने यूक्रेन को नया मौका दे दिया है। अथवा यूक्रेन मौका पाकर भी चूक गया। ये सब आने वाला वक्त तय करेगा। मगर रूप में आगे बहुत कुछ होने वाला है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए सिर्फ वैगनर चीफ येवगिन प्रिगोझिन ही मुसीबत नहीं हैं, बल्कि उनके कई अपने अंदर ही अंदर बगावत का बिगुल बजा चुके हैं। इसलिए पुतिन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुतिन के खिलाफ साजिशों की फेहरिस्त लंबी है। रूसी रक्षामंत्री सर्गेई पर भी शक की सुइयां घूम रही हैं।
रूस में पुतिन का तख्तापलट का ऐलान करने वाले वैगनर चीफ प्रिगोझिन ने आखिर क्यों यू-टर्न ले लिया, क्या डील हुई कि वे बेलारूस जाने लगे। इस बीच जेलेंस्की ने पुतिन को डरपोक करार दिया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ उनके ही सबसे खास वैगनर आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझीन ने बगावत का बिगुल बजा दिया था। लेकिन पुतिन के सामने ये बगावत 24 घंटे भी नहीं टिक सकी।
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