मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में अटक गया था क्योंकि वहां उसके पास जरूरी संख्या बल नहीं हैं। उच्च सदन में इसे पारित कराने के लिए सरकार को गैर-राजग दलों के समर्थन की भी जरूरत होगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘तीन-तलाक’ का मुद्दा रूढ़ीवादी मुसलमान परिवारों के पुरुष और महिलाओं को बांटता नजर आ रहा है...जहां कई इस प्रथा को अपराधिक श्रेणी में डालने के हक में हैं लेकिन पति के प्रति वफादारी के चलते वे भाजपा को मत देने से परहेज कर रही हैं।
मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने से संबंधित अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश पर मुहर लगा दी गई है।
संसदीय नियमों के अनुसार राज्यसभा में पेश किये गये विधेयक लंबित होने की स्थिति में लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी नहीं होते हैं। वहीं लोकसभा से पारित विधेयक यदि राज्यसभा में पारित नहीं हो पाते हैं तो वह लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी हो जाते हैं
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को तीन तलाक विधेयक वापस लेने के वादे को लेकर कांग्रेस की जमकर आलोचना की।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है केंद्र में उनकी सरकार बनने पर ट्रिपल तलाक कानून को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने यह बयान कांग्रेस अल्पसंख्यक सम्मेलन के दौरान दिया है
सहारनपुर जिले में एक विवाहिता ने अपने पति पर दहेज में बाइक और कार नहीं मिलने पर शादी के तीन दिन बाद ‘तीन तलाक’ देने का आरोप लगाया है।
इंस्टैट ट्रिपल तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश के एटा से तीन तलाक का मामला सामने आया है। थाना नयागांव क्षेत्र के अलीपुर में एक पति ने पत्नी को फोन पर सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसे घर पहुंचने में तय समय से 10 मिनट की देरी हो गई।
मोदी सरकार ने तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजरी दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।
केंद्र सरकार विवादित ट्रिपल तलाक बिल को आज राज्य सभा से पारित करवाने की भरसक कोशिश करेगी।
बिहार में भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने लोकसभा चुनावों से पहले उठाए जा रहे राम मंदिर निर्माण और तीन तलाक जैसे विवादित मुद्दों को नामंजूर कर दिया
मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। उधर, कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल इसे प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं।
मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। उधर, कांग्रेस का कहना है कि वह वर्तमान स्वरूप में इस विधेयक को पारित नहीं होने देगी।
तीन तलाक को आपराधिक कृत्य के रूप में कानूनी जामा पहनाने को लेकर उत्सुक सरकार ने विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध करवा लिया है।
संजय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से निजात दिलाने के नाम पर मुस्लिम समाज के लोगों को डराने के लिये लाए गए इस विधेयक का पार्टी विरोध करेगी
लोकसभा में लाए गए ट्रिपल तलाक बिल (‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018) पर बहस के दौरान एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का जमकर विरोध किया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल राजनीति के मकसद से नहीं बल्कि इंसाफ के मकसद से लाया गया है।
एक बार में तीन बार तलाक कहने को तलाक-ए-बिद्दत कहते हैं जिसके तहत लिखकर, फोन से ट्रिपल तलाक देते थे। कई महिलाओं को लेटर, व्हाट्सएप मैसेज से तलाक दिया गया। अगर पुरुष तलाक का फैसला बदलना चाहे तो नहीं कर सकता लेकिन तलाकशुदा जोड़ा फिर हलाला के बाद ही शादी कर सकता था।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चर्चा के दौरान कहा कि ट्रिपल तलाक बिल किसी के खिलाफ नहीं, ये गलतियां दूर करने का ऐतिहासिक मौका है।
देश की सियासत में एक बार फिर से ट्रिपल तलाक का मुद्दा छाया हुआ है। इस मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक बहस भी हो रही है।
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