संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर भारत ने जी-4 देशों का विस्तृत मॉडल पेश किया है। इसे भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील की ओर से तैयार किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई और गैर-स्थाई सदस्यों की संख्या और नियमों में सुधार की बात कही गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने फिर यूएनएसी को फटकार लगाई है। भारत ने कहा है कि कब तक 188 देशों की आवाज को दबाते रहेंगे। यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने स्थाई सदस्यता का मुद्दा उठाया।
बीते लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार और संशोधनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं आया है। अब दिग्गज कारोबारी एलन मस्क नमे भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डेनिस फ्रांसिस की यात्रा के दौरान बातचीत में विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत का आह्वान दोहराया जाएगा, ताकि इस वैश्विक संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर इसे अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।’’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेल्जियम ने भी अब यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व की बेल्जियम ने तारीफ भी की है।
दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य अब तक नहीं बनाए जाने पर रुचिरा कांबोज ने फिर से दावा पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
लगातार दो दिनों से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस बार भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। पुतिन ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। वह दुनिया की उभरती ताकत है। इसलिए वह स्थाई सीट का हकदार भी है।
9-10 सितंबर तक नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से कई सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आए हैं। अफ्रीकी संघ के जी20 में शामिल होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार की मांग हो रही है।
दुनिया भर में अपनी बेबाकी के लिए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर यूएन को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में 20वीं शताब्दी वाला रवैया नहीं चल सकता। पीएम मोदी ने यह बात जी-20 की नई दिल्ली में 9-10 सिंतबर को होनी वाली बैठक से पहले कही है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में 6 नए देशों को इसका सदस्य बनाया गया है। इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नाम शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि इन नए सदस्यों के शामिल होने से संगठन और अधिक मजबूत होगा। उन्होंने सभी नए सदस्य देशों को बधाई दी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता में सुधार पर देरी किए जाने से भारत बेहद खफा हो गया है। दरअसल यूएन महासभा ने सुधार संबंधी चर्चा पर प्रस्ताव को सितंबर तक अगले सत्र के लिए टाल दिया है। वार्ता को आगे खिसकाए जाने को भारत ने जानबूझकर लटकाने वाला कदम बताया है।
भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सालों से बढ़-चढ़कर मुहिम चला रहा है। उसका कहना है कि वह स्थायी सदस्यता का हकदार है। अपने संबोधन में सिंह ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में काम चुके या काम कर रहे सभी भारतीयों के प्रति आभार प्रकट किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सिर्फ 5 देशों को वीटो पॉवर दिए जाने और उसके राजनीतिक दुुरुपयोग को लेकर भारत आग बबूला हो गया है। भारत ने कहा है कि यूएनएसी में वीटो का इस्तेमाल नैतिक दायित्वों के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारों के आधार पर किया जाता है।
लंच से पहले जयशंकर ने कहा था कि उन्हें बाजरा के सभी गुणों के साथ सुरक्षा परिषद के सदस्यों को परिचित होने की उम्मीद है। भोजन पियरे होटल में तैयार किया गया था, जो टाटा समूह ताज का एक हिस्सा है।
UNSC Reforms: करीब चार दशक से कई देशों की मांग है कि उन्हें भी सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाए और यह 21वीं सदी के परिवर्तित विश्व का प्रदर्शन करे। इसके बावजूद परिषद अभी तक अपने मौजूदा स्वरूप में ही कायम है।
UNSC membership: वैसे तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार पर लगभग सभी देश सहमत हैं, लेकिन सवल यह है कि इसके बावजूद अब तक इस पर कोई फैसला क्यों नहीं हो पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के करीब आठ दशक बीत चुके हैं।
Zelensky furious at UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC) में भारत को अब तक स्थाई सदस्य नहीं बनाए जाने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसा क्या कारण है कि भारत और यूक्रेन जैसे देश को अब तक यूएएनएससी का स्थाई सदस्य नहीं बनाया गया।
UNSC Permanent Membership: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने के पक्ष में कई वर्षों से माहौल बनता रहा है। हर बार अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करते हैं। मगर चीन अड़ंगा लगा देता है।
UNSC Expansion : दुनिया में तेजी से बदल रहे हालात के बीच भारत की धाक तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की दावेदारी भी काफी मजबूत हुई है
UNSC: भारत आतंकवाद के खिलाफ 29 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 15 देशों के राजनयिकों की एक विशेष बैठक की मेजबानी करेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होने वाला है।
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