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भारत ने डेलिगेशन भेजने के लिए 33 देशों को ही क्यों चुना? जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

भारत ने 33 देशों को इसलिए चुना क्योंकि वे या तो UNSC के सदस्य हैं, क्षेत्रीय और वैश्विक रूप से प्रभावशाली हैं, या भारत के रणनीतिक साझेदार हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों को भेजने का उद्देश्य पाकिस्तान को बेनकाब कर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : May 21, 2025 13:35 IST, Updated : May 21, 2025 16:07 IST
India 33 countries delegation, Operation Sindoor diplomacy
Image Source : PTI एक डेलिगेशन बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भी जाएगा।

नई दिल्ली: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजने का फैसला किया, ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को वैश्विक मंच पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सके। इन देशों का चयन सावधानीपूर्वक रणनीतिक और कूटनीतिक कारणों से किया गया है। भारत की कोशिश है कि पूरी दुनिया पाकिस्तान का वह घृणित चेहरा देखे जिसे वह अपने भिखमंगेपन के नकाब में कई बार छिपा लेता है। आइए, हम आपको बताते हैं कि भारत ने अपने प्रतिनिधिमंडलों को भेजने के लिए खासतौर पर इन 33 देशों को ही क्यों चुना।

इन देशों में जाने वाला है भारत का डेलिगेशन

भारत के ये 7 डेलिगेशन जिन देशों में जाने वाले हैं उनमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, यूरोपियन यूनियन, अमेरिका, पनामा, गयाना, ब्राजील, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लात्विया, रूस, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर, यूएई, लाइबेरिया, रिपब्लिक ऑफ कांगो, सियरा लियोन, इजिप्ट, कतर, इथियोपिया और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इस तरह देखा जाए तो भारत के ये प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया छोड़कर हर उस महाद्वीप के किसी न किसी देश जाएंगे जहां इंसानों की बसावट है।

भारत ने अपने प्रतिनिधिमंडलों को भेजने के लिए इन 33 देशों को चुना हैं।

Image Source : INDIA TV
भारत ने अपने प्रतिनिधिमंडलों को भेजने के लिए इन 33 देशों को चुना हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देश

भारत ने उन देशों को प्राथमिकता दी जो वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी या अस्थायी सदस्य हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस (स्थायी सदस्य) और अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पनामा, दक्षिण कोरिया, सियरा लियोन, स्लोवेनिया (अस्थायी सदस्य) शामिल हैं। इन देशों का चयन इसलिए किया गया क्योंकि UNSC वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत का उद्देश्य इन देशों को पाकिस्तान के आतंकवादी समर्थन के खिलाफ अपने सबूत और दृष्टिकोण से अवगत कराना है, खासकर जब पाकिस्तान अगले 17 महीनों तक UNSC का अस्थायी सदस्य रहेगा और वहां भारत विरोधी दावे पेश कर सकता है।

क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावशाली देश

भारत ने उन देशों को चुना जो क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर प्रभाव रखते हैं, जैसे सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और दक्षिण अफ्रीका। ये देश खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), आसियान (ASEAN), और अफ्रीकी संघ जैसे संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, मलेशिया 2025 में आसियान की अध्यक्षता करेगा, और भारत के साथ उसका मजबूत द्विपक्षीय संबंध है। इसी तरह, सऊदी अरब और UAE के साथ भारत के हाल के वर्षों में घनिष्ठ आर्थिक और रणनीतिक संबंध बने हैं।

पारंपरिक और रणनीतिक साझेदार

कई चुने गए देश भारत के पारंपरिक और रणनीतिक साझेदार हैं, जैसे जापान (क्वाड सदस्य), रूस (ऐतिहासिक मित्र), और ब्राजील (ब्रिक्स और जी20 सदस्य)। इन देशों के साथ भारत के मजबूत कूटनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। उदाहरण के लिए, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो 2025 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है।

अफ्रीकी देशों में भारत की उपस्थिति

भारत ने अफ्रीकी देशों जैसे सियरा लियोन, लाइबेरिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, और इथियोपिया को चुना, जहां उसकी ऐतिहासिक और कूटनीतिक उपस्थिति रही है। उदाहरण के लिए, सियरा लियोन में 2000-2001 में भारत के 4,000 सैनिक UNAMSIL मिशन का हिस्सा थे, और 2020 में भारत ने वहां अपना स्थायी मिशन खोला। इसके अलावा सियरा लियोन इस साल UNSC में बतौर अस्थायी सदस्य शामिल भी होने वाला है। इन देशों में भारत की विकास साझेदारी और सहायता परियोजनाएं भी हैं, जो इन्हें भारत के लिए महत्वपूर्ण बनाती हैं।

यूरोपीय संघ और क्षेत्रीय संगठनों से संपर्क

प्रतिनिधिमंडल ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ (EU) मुख्यालय का दौरा करेंगे, ताकि पाकिस्तान के घिनौने चेहरे को बेनकाब कर सकें। इसके अलावा, अफ्रीकी संघ और आसियान जैसे संगठनों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए भी इन देशों का चयन किया गया। EU और अफ्रीकी संघ जैसे संगठन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारत ने उन देशों को चुना जहां पाकिस्तान का प्रभाव हो सकता है, जैसे खाड़ी देश (सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत) और मलेशिया। इन देशों में भारत अपनी स्थिति स्पष्ट कर पाकिस्तान की पोल खोल सकता है।

वैश्विक मंच पर स्थिति को मजबूत करना

भारत का लक्ष्य न केवल पाकिस्तान को बेनकाब करना है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति बनाना और अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करना भी है। इन 33 देशों में से अधिकांश UNSC के वर्तमान या भविष्य के सदस्य हैं, या फिर भारत के साथ उनके आर्थिक, रक्षा, और सांस्कृतिक संबंध हैं। उदाहरण के लिए, गुयाना में भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, और वह UNSC का अस्थायी सदस्य भी है। इस तरह देखा जाए तो भारत ने इन 33 देशों का चयन इसलिए किया क्योंकि ये देश वैश्विक और क्षेत्रीय मंचों पर प्रभावशाली हैं, UNSC के सदस्य हैं, या भारत के रणनीतिक साझेदार हैं।

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