एक ओर देश की नई संसद में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा जारी है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इस बिल की खामियों को लेकर केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठा दिए हैं। अब बसपा प्रमुख मायावती ने भी बिल पर बयान जारी किया है।
संसद के विशेष सत्र में बुधवार को महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है।
बीते दिन संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया था। आज बुधवार को इस बिल पर चर्चा हुई जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दें उठाए।
महिला संरक्षण बिल में संशोधन कर दिया गया है। इस बारे में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में बताया कि 15 साल बाद आरक्षण बढ़ाने पर संसद फैसला करेगी। महिलाओं के उत्थान के लिए ये एक बहुत बड़ा कदम है।
संसद के विशेष सत्र में सरकार ने मंगलवार को महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाले ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को लोकसभा में पेश कर दिया। सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल का लगभग सभी राजनीतिक दलों ने कुछ आपत्तियों के साथ समर्थन किया है।
जिस विधेयक को पीएम मोदी महिलाओं के विकास के लिए मिल का पत्थर और देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी बता रहे हैं। उसके सदन में पेश होने भर से देश की महिलाओं में उत्साह का माहौल है। उस 'नारी शक्ति वंदन' विधेयक को कानून रूप लेने में अभी वक्त लगेगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा-बिहार में वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है और अब यह राज्यसभा में पेश होगा। इस बिल के पास होने के बाद कानून बनने के बाद भी इसमें काफी अड़चनें हैं। जानिए क्या हैं प्रावधान-
लोकसभा में पेश महिला आरक्षण बिल पर आम आदमी पार्टी की नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि यह महिलाओं को बेवकूफ बनानेवाला बिल है। केंद्र सरकार ने आज इस बिल को लोकसभा में पेश किया है।
इससे पहले भी सरकारें महिला आरक्षण का बिल सदन में लेकर आती रही हैं। राजद महिला आरक्षण का विरोध करती रही है। लेकिन अब राबड़ी देवी ने महिला आरक्षण बिल के अंदर आरक्षण की मांग रख दी है।
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश किया जा चुका है। पीएम मोदी ने संसद में बताया कि मैं सभी महिलाओं को आश्वस्त करता हूं कि केंद्र इस बिल को कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने महिला आरक्षण बिल पर उम्मीद जताई है कि इस बार यह बिल जरूर पास हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत नहीं बल्कि 50 प्रतिशत रिजर्वेशन की मांग रखी है।
संसद के नए भवन में मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, जिसे सराहना मिल रही है। ये विधेयक संसद के दोनों सदन से पास हो भी गया तो यह 2026 के बाद ही लागू हो सकेगा, बताया प्रियंका चतुर्वेदी ने। देखें उन्होंने क्या कहा-
गणेश चतुर्थी के अवसर पर जब पुराना संसद भवन छोड़कर नवनिर्मित संसद भवन में पहली बैठक हुई, तो सबसे पहले इस विधेयक को पेश किया गया. सोमवार को ही नरेंद्र मोदी ने कह दिया था कि संसद का यह अधिवेशन छोटा भले ही हो, लेकिन इसमें बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिये जाएंगे.
संसद की नई इमारत में आज राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बयान पर हंगामा मच गया। निर्मला सीतारमण से उनकी तीखी बहस हो गई। हालांकि बाद में राज्यसभा के सभापति ने दोनों नेताओं को शांत कराया।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने इस बिल को 'नारी शक्ति वंदन बिल' नाम दिया है। इससे पहले महिला आरक्षण बिल 27 सालों से अटका पड़ा था।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। इस बिल के तहत महिलाओं को 33 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल के लिए होगी। लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज सदन में महिला आरक्षण बिल पेश कर सकती है। इस बिल का नाम 'महिला सशक्तिकरण बिल' होगा। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ये कांग्रेस का बिल है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2018 में पीएम मोदी को पत्र लिखकर ये मांग की थी कि महिला आरक्षण बिल जल्द से जल्द पारित किया जाए। कांग्रेस ने ये जानकारी दी है। कांग्रेस का कहना है कि बिल का पारित होना पार्टी और यूपीए सरकार में उसके सहयोगियों की जीत है।
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन पीएम मोदी समेत कई सांसदों ने पुराने भवन की यादें ताजा की। वहीं, आज मंगलवार से संसद का कामकाज नए भवन में किया जाएगा। नए भवन में कई बिल भी लाए जा सकते हैं।
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