Tuesday, May 14, 2024
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मायावती ने बसपा को बताया 'ब्राह्मणों की हितैषी', बोलीं- सपा और भाजपा सरकारों में अपर कास्ट के साथ हुई नाइंसाफी

मायावती ने कन्नौज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा की सरकारों में ब्राह्मणों का शोषण बंद नहीं हुआ। चाहे कानपुर मंडल की बात की जाए या कन्नौज की बात की जाए। अभी भी शोषण हो रहा है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 09, 2024 19:47 IST
mayawati- India TV Hindi
Image Source : PTI मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को कन्नौज में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी में सपा और भाजपा की सरकारों में सबसे ज्यादा अपर कास्ट में ब्राह्मणों के साथ नाइंसाफी हुई। उन्होंने कहा कि बसपा ब्राह्मणों की हितैषी पार्टी है। भाजपा की सरकारों में ब्राह्मणों का शोषण बंद नहीं हुआ। चाहे कानपुर मंडल की बात की जाए या कन्नौज की बात की जाए। अभी भी शोषण हो रहा है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। गलत आर्थिक नीति के चलते छोटे और मध्यम व्यापारियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। सपा की सरकार में प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग से भेदभाव हुआ। सपा की सरकार ने दलित महापुरुषों के नाम से बनाए गए जिलों, संस्थानों और पार्कों का नाम बदल दिया। उन्हें अब इस वर्ग से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।

'बसपा कभी धन्ना सेठों से पैसे नहीं लेती'

बसपा प्रमुख मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड का हवाला देकर अपनी पार्टी को पाक साफ बताया। उन्होंने कहा कि बसपा कभी धन्ना सेठों से पैसे नहीं लेती, यह बात सुप्रीम कोर्ट के खुलासे से साफ हो चुका है। बसपा अपने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से मिले आर्थिक सहयोग से ही गतिविधियों को संचालित करती है। भाजपा और कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क है। इसलिए, यह तय हो गया है कि इस चुनाव में भाजपा केंद्र की सत्ता में आसानी से वापस नहीं होने जा रही है। मायावती ने आगे कहा कि बसपा के नेतृत्व में सभी वर्गों का सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की तर्ज पर ध्यान दिया जाएगा। किसी का शोषण नहीं होगा। बसपा ने चार बार यूपी की सरकार में जो कल्याणकारी काम किए, उसे अब दूसरे प्रदेशों की सरकार नकल करके चला रही है। केंद्र में मौका मिला तो यूपी के उसी मॉडल की तर्ज पर केंद्र में भी सरकार चलाई जाएगी।

दलितों और मुसलमानों से सपा को एक भी वोट नहीं देने का किया आह्वान

मायावती ने राजनीतिक विरोधियों, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला तथा दलितों और मुसलमानों एवं वंचित वर्गों से उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में एक भी वोट नहीं देने का आह्वान किया। बसपा अध्यक्ष ने याद किया कि कैसे अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के दौरान उन जिलों के नाम बदल दिए थे, जिनका नाम दलित, शोषित और पिछड़ा वर्ग में जन्मे महापुरुषों के नाम पर रखा गया था। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि सपा ने बड़ी मुस्लिम आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्र में एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा क्योंकि वह एक परिवार से परे नहीं सोच सकती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब बसपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी, तब मैंने बहुत काम किया और समाज के दबे-कुचले तबके में जन्मे महापुरुषों के नाम पर जिलों, पार्कों और संस्थानों के नाम गए थे लेकिन सपा प्रमुख यादव ने सत्ता में आते ही उनके नाम बदल दिये ।''

'अखिलेश को दलित शोषित पिछड़े वर्ग के संतों और महापुरुषों से नफरत'

उन्होंने कहा, ''जब बसपा सत्ता में थी, तो वाराणसी से अलग कर एक नया जिला भदोही बनाया गया और उसका नाम संत रविदास के नाम पर रखा गया। वह भी अखिलेश यादव ने बदल दिया, दलित शोषित पिछड़े वर्ग के संतों, गुरुओं और महापुरुषों के प्रति इतनी नफरत। उन्हें किसने अधिकार दिया, उन्हें क्या अधिकार है कि वह दलितों और वंचितों से समाजवादी पार्टी को वोट देने के लिए कहें। आपको ऐसी पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए और उन्हें माफ भी नहीं करना चाहिए।''

कन्नौज से अपनी पार्टी के उम्मीदवार इमरान बिन जफर का लोगों से परिचय कराते हुए मायावती ने कहा कि जब उन्होंने उन्हें मैदान में उतारा और समाजवादी पार्टी को इसकी जानकारी हुई तो सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के निर्देश पर टिकट दिया गया है।  चौथे चरण में 13 मई को कन्नौज, इटावा और फर्रुखाबाद में मतदान होना है।

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