Tuesday, April 16, 2024
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West Bengal: पार्थ चटर्जी के बाद अब इस नेता से TMC ने बनाई दूरी, पशु तस्करी में है शामिल

West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद जैसे तृणमूल कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता पार्थ चटर्जी से किनारा कर लिया था, ठीक उसी तरह से अब ममता बनर्जी की पार्टी अनुब्रत मंडल से भी पीछा छुड़ाती नजर आ रही है।

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: August 11, 2022 22:49 IST
anubrata mondal- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO anubrata mondal

Highlights

  • पार्थ चटर्जी के बाद अब इस नेता से TMC ने बनाई दूरी
  • पशु तस्करी में है शामिल
  • कोई अपराध करता है, तो उसे परिणाम भुगतना होगा

West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद जैसे तृणमूल कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता पार्थ चटर्जी से किनारा कर लिया था, ठीक उसी तरह से अब ममता बनर्जी की पार्टी अनुब्रत मंडल से भी पीछा छुड़ाती नजर आ रही है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और बीरभूम के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद पार्टी नेतृत्व ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है।

कोई अपराध करता है, तो उसे परिणाम भुगतना होगा

मंडल की गिरफ्तारी के संबंध में सबसे पहले अपना बयान देने वाले तृणमूल नेता और राज्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय थे, जिन्होंने कहा: "यदि कोई अपराध करता है, तो उसे परिणाम भुगतना होगा। फिर, अगर वह (मंडल) बेगुनाही का दावा करता है, तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उस पर है।" चट्टोपाध्याय के विचारों से राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सहमति जताई, जिन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर पार्टी का रुख स्पष्ट है और अनैतिक गतिविधियों में शामिल किसी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाया गया है।

क्या केंद्रीय एजेंसियां निष्पक्ष ष्टिकोण बनाए हुए हैं

भट्टाचार्य ने कहा, "हम इस मामले में भी उसी नीति का पालन करेंगे। साथ ही, मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां निष्पक्ष ष्टिकोण बनाए हुए हैं, क्योंकि वे भाजपा नेताओं को गलत करने के बारे में चुप और निष्क्रिय हैं?" माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने तृणमूल पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जब पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल ने मुख्य फंड अरेंजर्स के रूप में काम किया, तो वे पार्टी के लिए संपत्ति थे। अब पार्टी गिरफ्तारी के बाद उनके साथ संबंधों से इनकार कैसे कर सकती है?"

टीएमसी नेता जांच में नहीं कर रहे थे सहयोग

सीबीआई ने टीएमसी नेता को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 के तहत एक नोटिस दिया। जांच एजेंसी ने पिछले कुछ दिनों में टीएमसी नेता को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह खराब सेहत का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए थे। सीबीआई के कम से कम आठ अधिकारियों का दल केंद्रीय बलों के साथ सुबह करीब 10 बजे मंडल के आवास पर पहुंचा और जांच के तौर पर तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारी ने बताया कि मंडल से उनके आवास की दूसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे में पूछताछ की गयी।

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