Tuesday, April 23, 2024
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दक्षिण अफ्रीका में मिला कोविड-19 का नया वेरिएंट, वैक्सीन को दे सकता है चकमा

इसके अलावा, शोध में दक्षिण अफ्रीका में मासिक आधार पर सी.1.2 जीनोम की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। मई में जहां 0.2 फीसदी से बढ़कर जून में 1.6 फीसदी और जुलाई में 2.0 फीसदी हो गया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 30, 2021 16:06 IST
New COVID-19 Variant C.1.2 Detected In South Africa Can Mutate 1.7 Times Faster- India TV Hindi
Image Source : AP दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में कोराना वायरस का एक नया वेरिएंट मिला है।

जोहांसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में कोराना वायरस का एक नया वेरिएंट मिला है जो अधिक संक्रामक हो सकता है तथा कोविड वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है। दक्षिण अफ्रीका स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज एवं क्वाजुलु नैटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लैटफॉर्म के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट सी.1.2 का, सबसे पहले देश में इस साल मई में पता चला था। उन्होंने कहा कि तब से लेकर गत 13 अगस्त तक यह वेरिएंट चीन, कांगो, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में मिल चुका है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान सामने आए वायरस के उपस्वरूपों में से एक सी.1 की तुलना में सी.1.2 अधिक उत्परिवर्तित हुआ है जिसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि सी.1.2 में अन्य स्वरूपों-वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की तुलना में अधिक उत्परिवर्तन देखने को मिला है। वैज्ञानिकों ने कहा कि सी.1.2 अधिक संक्रामक हो सकता है तथा यह कोविड वैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षा को चकमा दे सकता है।

इसके अलावा, शोध में दक्षिण अफ्रीका में मासिक आधार पर सी.1.2 जीनोम की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। मई में जहां 0.2 फीसदी से बढ़कर जून में 1.6 फीसदी और जुलाई में 2.0 फीसदी हो गया। शोध से जुड़े लोगों के मुताबिक यह दक्षिण अफ्रीका में बीटा और डेल्टा में शुरुआती पहचान के दौरान देखे गए इजाफे के ही समान है। 

20 अगस्त तक 80 सीक्वेंस सी.1.2 वंश से मेल खा चुके हैं और उसे ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग एवियन इंफ्लुएंजा डाटा पर लिस्ट किया जा चुका है। इस उत्परिवर्तन का कितना प्रभाव पड़ा है, इसके लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है, जिसमें एंटीबॉडी के खिलाफ इसके असर की जांच करना और क्या यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लाभकारी है, यह शामिल है।

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