Tuesday, May 14, 2024
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S. Jaishankar: रूस की दोस्ती पर बोले विदेश मंत्री, "हमें रूसी हथियारों पर पूरा भरोसा क्योंकि पश्चिमी देशों ने सैन्य तानाशाह को चुना"

S. Jaishankar: ऑस्ट्रलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में एस. जयशंकर ने कहा कि रूस हमारा सबसे खास दोस्त है और हमारी दोस्ती काफी पुरानी है। रूसी हथियारों पर हमें पूरी भरोसा है क्योंकि एक समय था जब अमेरिका ने भारत के बजाय पाकिस्तान को हथियार देना सही समझा था।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @pan89168
Published on: October 10, 2022 18:00 IST
S. Jaishankar is with Australian Foreign Minister Peny Wong- India TV Hindi
S. Jaishankar is with Australian Foreign Minister Peny Wong

Highlights

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर
  • रूस की दोस्ती को भारत के लिए अहम बताया
  • कहा- हमें रूसी हथियारों पर भी पूरा भरोसा है

S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर अभी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। इस बीच उन्होंने रूस की दोस्ती को लेकर काफी अहम बयान दिया है। ऑस्ट्रलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में एस. जयशंकर ने कहा कि रूस हमारा सबसे खास दोस्त है और हमारी दोस्ती काफी पुरानी है।  भारत के पास रूसी हथियारों का भंडार इसलिए है क्योंकि पश्चिम देशों ने कई दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ती नहीं की।  

भारत के लिए रूसी हथियार अहम क्योंकि अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियार देना सही समझा

ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर आए जयशंकर ने यह बात एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के एक सवाल के जवाब में कही, जिन्होंने उनसे पूछा था कि क्या भारत रूसी हथियारों पर अपनी निर्भरता कम करेगा और यूक्रेन संघर्ष के कारण रूस के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करेगा। जयशंकर ने कहा, "हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त सूची है। और वह सूची वास्तव में कई कारणों से बढ़ी। आप जानते हैं, हथियार प्रणालियों की खूबियां, बल्कि इसलिए भी कि कई दशकों तक पश्चिमी देशों ने भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की और वास्तव में, हमारे बगल में एक सैन्य तानाशाही को पसंदीदा साथी के रूप में देखा।" वह शीत युद्ध के दौर का जिक्र कर रहे थे जब अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करना पसंद किया, जो 1980 के दशक में सैन्य तानाशाहों द्वारा शासित था।

रूस की दोस्ती को बताया अहम

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंध हैं, जिसने निश्चित रूप से नई दिल्ली के हितों की अच्छी सेवा की है। जयशंकर ने आगे कहा, "हम सभी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में जो हमारे पास है उससे निपटते हैं, हम निर्णय लेते हैं, जो हमारे भविष्य के हितों के साथ-साथ हमारी वर्तमान स्थिति दोनों को प्रतिबिंबित करते हैं और मेरी समझ में, इस मौजूदा संघर्ष के संदर्भ में, हर सैन्य संघर्ष की तरह, इससे भी सीख मिलती है। मुझे यकीन है कि सेना में मेरे बहुत ही पेशेवर सहयोगी इसका बहुत ध्यान से अध्ययन कर रहे होंगे।" पिछले महीने भी जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाले हथियारों के मामले में, जो वह खरीदना चाहता है, उसके अनुसार चुनने का अधिकार है।

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