वाशिंगटन: अमेरिका ने ईरान के ऊर्जा व्यापार पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके साथ ही ट्रंप ने भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों पर भी बड़ा एक्शन लिया है। अमेरिका ने ईरानी व्यापार में मदद करने के आरोप में 50 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें आठ भारतीय नागरिक और कई कंपनियां शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
ट्रंप ने ईरान और भारत पर लिया एक्शन
अमेरिका ने ईरानी शासन की "दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों" को अंजाम देने के लिए उपयोग किए जा रहे धन को रोकने के उद्देश्य से लगभग 40 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके साथ ही अमेरिकी वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने ईरानी पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) का वैश्विक बाजारों में निर्यात करने में शामिल 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।
इन 8 भारतीयों पर भी लगाया बैन
अमेरिकी सूच में आठ भारतीय नागरिकों के नाम भी शामिल हैं। इन्हें अमेरिका की "स्पेशलली डेजिग्नेटेड नेशनल्स (SDN) और ब्लॉक्ड पर्सन्स" की सूची में डाला गया है। इस सूची में शामिल लोग और कंपनियां अमेरिकी नागरिकों के साथ व्यापार नहीं कर सकते, और उनके अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध है।
- प्रतिबंधित व्यक्तियों में निती उन्मेश भट्ट का नाम है, जिनकी भारत में स्थित कंपनी इंडीसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह पेट्रोकेमिकल कारोबार करने वाली कंपनी जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच एक प्रतिबंधित अमेरिकी कंपनी से लगभग 7.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात कर चुकी है।
- पीयूष मगलाल जाविया और उनकी कंपनी केमॉविक प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने 2024 से 2025 के बीच एक प्रतिबंधित अमेरिकी कंपनी से 70 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।
- कमला कनयालाल कसाट , कुनाल कनयालाल कसाट और पूनम कुनाल कसाट का नाम भी इस सूची में है। उनकी कंपनी हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया। इन तीनों व्यक्तियों और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
- मार्शल आइलैंड्स में स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक वरुण पुला पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कंपनी कोमोरोस के ध्वज वाले जहाज "PAMIR" का संचालन करती है, जिसने जुलाई 2024 से लगभग 40 लाख बैरल ईरानी LPG की चीन तक ढुलाई की।
- एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा , जो एवी लाइन्स इंक के मालिक हैं, का नाम भी सूची में शामिल है। उनकी कंपनी पनामा-ध्वजित जहाज "SAPPHIRE GAS" का संचालन करती है, जिसने अप्रैल 2025 से अब तक 10 लाख बैरल से अधिक ईरानी LPG की चीन तक ढुलाई की। इस कंपनी को भी प्रतिबंधित सूची में डाला गया है।
- सोमिया श्रेठा , जो वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक हैं, और उनकी कंपनी भी प्रतिबंधित की गई है। यह कंपनी कोमोरोस-ध्वजित जहाज "NEPTA" का संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी LPG की ढुलाई की।
- इन भारतीय कंपनियों पर भी लिया एक्शन
- अमेरिका ने कई भारतीय कंपनियों के खिलाफ भी एक्शन लिया है। अमेरिकी सूची में शामिल अन्य भारत-आधारित संस्थाओं में B K Sales Corporation , C. J. Shah and Co. , Mody Chem , Paarichem Resources LLP और Shiv Texchem Limited शामिल हैं।
अमेरिका ने कंपनियों और व्यक्तियों को बताया खतरा
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में मदद की है, जिससे ईरानी शासन को आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। यह अमेरिका के लिए गंभीर खतरा है।"(भाषा)