Saturday, May 04, 2024
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2017 में तालिबान और इस्लामिक स्टेट ने अफगानिस्तान में हजारों आम लोगों को मार डाला!

आपको बता दें कि अफगानिस्तान में संघर्ष की अवधि में कभी इतनी बड़ी संख्या में आम लोग नहीं मारे गए...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 15, 2018 21:07 IST
Representative Image | AP Photo- India TV Hindi
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काबुल: अफगानिस्तान में आम नागरिकों के लिए पिछला साल बेहद ही बुरा गुजरा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया है कि वर्ष 2017 में अफगानिस्तान में आत्मघाती बमबारी और हमलों में करीब 2,300 आम लोग मारे गए या जख्मी हुए। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में संघर्ष की अवधि में कभी इतनी बड़ी संख्या में आम लोग नहीं मारे गए। वहीं, इसमें मिलिट्री कार्रवाई को भी जोड़ लें तो पिछले साल इस मुल्क में लगभग 3,500 आम नागरिक मारे गए और 7,500 जख्मी हुए।

यह आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब आतंकवादियों ने शहरी इलाकों में हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में तब तेजी आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले अगस्त में कहा था कि अफगानिस्तान में अमेरिका की मौजूदगी की कोई समय सीमा नहीं है। इसके बाद वॉशिंगटन ने ग्रामीण इलाकों में आतंकवादियों के गढ़ों पर हवाई हमले तेज किए थे। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने रिपोर्ट दी है कि देश में आम नागरिकों की मौत में 2017 में 9 फीसदी की कमी आई है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में पिछले साल कुल 10,543 आम लोग हताहत हुए जिसमें 3,438 मौतें हुईं और 7,015 लोग जख्मी हो गए। 2016 की बात करें तो उस साल अफगानिस्तान में 3,510 लोग मारे गए थे जबकि 7,924 लोग जख्मी हुए थे। लेकिन तालिबान और इस्लामिक स्टेट संगठन जैसे-जैसे दबाव में आ रहे हैं, उन्होंने शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। नतीजतन, आत्मघाती बमबारी और हमलों में हताहत होने वालों की संख्या में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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