Thursday, March 28, 2024
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मानवाधिकार संगठनों की परवाह किए बगैर बांग्लादेश ने 1600 रोहिंग्या मुस्लिमों को किया ट्रांसफर

बांग्लादेश ने मानवाधिकार संगठनों के ऐतराज के बावजूद शुक्रवार को 1600 रोहिंग्या मुसलमानों के पहले ग्रुप को ‘बेहतर रहन-सहन’ के लिए एक सुदूर द्वीप पर भेज दिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 04, 2020 22:10 IST
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Image Source : AP बांग्लादेश ने मानवाधिकार संगठनों के ऐतराज के बावजूद शुक्रवार को 1600 रोहिंग्या मुसलमानों को एक सुदूर द्वीप पर भेज दिया।

ढाका: बांग्लादेश ने मानवाधिकार संगठनों के ऐतराज के बावजूद शुक्रवार को 1600 रोहिंग्या मुसलमानों के पहले ग्रुप को ‘बेहतर रहन-सहन’ के लिए एक सुदूर द्वीप पर भेज दिया। इन संगठनों का ऐतराज इस द्वीप के चक्रवात और जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने की आशंका पर आधारित है। रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के जातीय अल्पसंख्यक समुदाय हैं और वे 25 अगस्त 2017 से निर्मम सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए अपना घर-बार छोड़कर भागने लगे। शुरूआती ना-नुकुर के बाद बांग्लादेश ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दिया।

इस द्वीप पर रहेंगे एक लाख रोहिंग्या

शरणार्थी राहत एवं पुनर्वास आयुक्त शाह रिजवान हयात ने कहा, ‘रोहिंग्या नौसेना के 6 और सेना के एक जहाज से आज दोपहर भाषण चार द्वीप पहुंचे।’ 1600 रोहिंग्याओं का पहला जत्था इन लोगों का पहला समूह है जो ‘बेहतर रहन-सहन’ के लिए जाने पर राजी हुआ। इसके अलावा 19 और ऐसे जहाज अगले कुछ दिनों में उनके साथी शरणार्थियों को पहुंचाने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने पहले कहा था कि बांग्लादेश ने दक्षिणपूर्व कॉक्स बाजार के घने शरणार्थी शिविरों में रह रहे 11 लाख रोहिंग्याओं में से 1,00,000 शरणार्थियों के ठहरने के लिए इस द्वीप पर सुविधाओं के निर्माण पर 35 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं।

‘कई रोहिंग्या वहां जाना नहीं चाहते थे’
कॉक्स बाजार म्यामांर के रखाइन प्रांत से सटा हुआ क्षेत्र है। सहायता एजेंसियों और मानवाधिकार संगठनों ने इस डर से रोहिंग्याओं को इस द्वीप पर भेजने पर आपत्ति की है कि उसके चक्रवात और जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने की आशंका बनी रहती है। वैसे भी कई रोहिंग्या अपने रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों से दूर वहां जाने पर कथित रूप से अनिच्छुक थे।

‘आधुनिक टाउनशिप में विकसित किया जा रहा द्वीप’
बता दें कि यह द्वीप मुख्य भूमि से 21 मील दूर है, लेकिन सरकार ने कहा कि तटबंध और अन्य बुनियादी ढांचे द्वीप की रक्षा करेंगे और रोहिंग्या प्रतिनिधियों ने इस जगह की यात्रा की है, उसके बाद जो वहां जाने को इच्छुक हैं, उन्हें ही वहां भेजा जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि रोहिंग्याओं को वहां भेजने से पहाड़ी कॉक्स बाजार में भयंकर भीड़ कम होगी क्योंकि उसके असामान्य भूस्खलन की चपेट में आने की आशंका है। दूसरा इस द्वीप को आधुनिक टाउनशिप में विकसित किया गया है।

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