Thursday, March 28, 2024
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इजराइल पर गाजा से हो रही रॉकेट फायरिंग की भारत ने UN में की निंदा, कही बड़ी बात

संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "गाजा से इजरायल में नागरिक आबादी को लक्षित कर अंधाधुंध रॉकेट फायरिंग की जा रही है, जिसकी हम निंदा करते हैं।"

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 16, 2021 22:56 IST
इजराइल पर गाजा से हो रही रॉकेट फायरिंग की भारत ने UN में की निंदा, कही बड़ी बात- India TV Hindi
Image Source : AP इजराइल पर गाजा से हो रही रॉकेट फायरिंग की भारत ने UN में की निंदा, कही बड़ी बात

नई दिल्ली/यरुशलम/न्यू यॉर्क: इजराइल पर गाजा से हो रही रॉकेट फायरिंग की भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में निंदा की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "हम दोनों पक्षों से अत्यधिक संयम दिखाने, तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और पूर्वी यरुशलम और उसके आसपास सहित मौजूदा यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों से दूर रहने का आग्रह करते हैं।"

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, "इस रॉकेट फायरिंग भारत ने भी इज़राइल में एक भारतीय नागरिक को खो दिया। हम अन्य सभी नागरिकों के साथ उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं, जिन्होंने हिंसा, उकसावे, और विनाश के वर्तमान चक्र में अपनी जान गंवाई है।"

तिरुमूर्ति ने कहा, "गाजा से इजरायल में नागरिक आबादी को लक्षित कर अंधाधुंध रॉकेट फायरिंग की जा रही है, जिसकी हम निंदा करते हैं। गाजा में जवाबी हमले से भारी नुकसान हुआ है और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित कई मौतें हुई हैं।"

इजराइल के हमले में 181 फलस्तीनियों की मौत

इजराइल ने रविवार को गाजा सिटी में हवाई हमले में तीन इमारतों को गिरा दिया और हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए। इजराइल और हमास के बीच एक सप्ताह पहले शुरू हुए संघर्ष के दौरान एक दिन में यह सबसे भीषण हमला है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में मारे गए लोगों में 10 महिलाएं और आठ बच्चे भी थे, जबकि 50 लोग घायल हो गए। इससे पहले इजराइली सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी शहर खान यूनिस में किए अलग हवाई हमले में गाजा के शीर्ष हमास नेता याहिया सिनवार के आवास को जमींदोज कर दिया। हमास के वरिष्ठ नेताओं के घरों पर पिछले दो दिनों में यह तीसरा हमला है। वहीं, हमले के मद्देनजर हमास के कई नेता भूमिगत (Underground) हो गए हैं। 

इजराइल ने हमास को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए हालिया दिनों में हमले तेज कर दिए हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय वार्ताकार भी दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हमास के नेताओं को निशाना बनाए जाने से इन प्रयासों में मुश्किलें आ सकती हैं। तनाव कम करने के लिए क्षेत्र में एक अमेरिकी राजनयिक भी आए हुए हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी रविवार को बैठक करने वाली है। बता दें पूर्वी यरुशलम में इस महीने की शुरुआत में तनाव तब शुरू हुआ जब फलस्तीनियों ने शेख जर्रा में उन्हें निकाले जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और इजराइली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद में कार्रवाई की। 

यह लड़ाई पिछले सोमवार को शुरू हुई जब यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागे। संघर्ष अन्य जगहों पर भी फैल गया है। वेस्ट बैंक और इजराइल में भी कई जगहों पर यहूदी और अरब नागरिकों के बीच झड़पें हुई हैं। इस संघर्ष में गाजा में 52 बच्चे और 31 महिलाओं समेत 181 फलस्तीनी मारे गए हैं और 1225 लोग जख्मी हुए हैं। इजराइल में आठ लोगों की मौत हो गई जिनमें पांच साल का बच्चा भी है। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने हमास के सबसे वरिष्ठ नेता येहियेह सिनवार के घर को निशाना बनाया है, जो समूह के बाकी शीर्ष नेताओं के साथ संभवत: वहां छिपा था। 

इजराइल ने शनिवार को हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख नेता खलील अल-हायेह के घर पर बम गिराए। हमास और इस्लामी जेहाद उग्रवादी समूह ने स्वीकार किया है कि सोमवार को संघर्ष शुरू होने के बाद से उसके 20 लड़ाके मारे गए हैं। मिस्र के एक राजनयिक ने कहा कि हमास के राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाने से संघर्ष विराम के प्रयासों पर असर पड़ेगा। हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइल पर करीब 2900 रॉकेट दागे हैं। वहीं, इजराइली सेना का कहा है कि 450 रॉकेट थोड़ी दूर जाकर ही गिर गए जबकि वायु सेना की प्रतिरक्षा प्रणाली ने 1150 रॉकेटों को गिरा दिया। 

इजराइल ने गाजा की तरफ सैकड़ों हवाई हमले किए हैं जहां करीब 20 लाख फलस्तीनी रहते हैं। इजराइल ने गाजा सिटी की सबसे ऊंची इमारत को गिरा दिया। आरोप लगाया गया कि हमास की सेना से जुड़े दफ्तर थे। वहीं, शनिवार को बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त कर दिया जिसमें ‘द असोसिएटेड प्रेस’ और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘‘जब तक जरूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा।’’ 

उन्होंने आरोप लगाया कि हमास की सैन्य खुफिया ईकाई इस इमारत में काम कर रही थी। ‘एपी’ का कार्यालय इस इमारत में पिछले 15 वर्षों से था यानी कि इजराइल और हमास के बीच पहले के तीन युद्धों के दौरान भी उसने इसी इमारत से काम किया लेकिन कभी उसे सीधे निशाना नहीं बनाया गया। मीडिया संस्थानों के कार्यालय जिस इमारत में थे उस पर दोपहर को हुए हमले से पहले इजराइली सेना ने इमारत के मलिक को फोन कर इसे निशाना बनाए जाने की चेतावनी दी थी। 

इसके बाद ‘एपी’ के कर्मचारी एवं अन्य लोगों ने तत्काल इमारत को खाली किया। ‘एपी’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गैरी प्रुइट ने एक बयान में कहा, ‘‘आज जो भी हुआ, उसके कारण गाजा में जो भी हो रहा है उसके बारे में दुनिया ज्यादा नहीं जान पाएगी।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी समाचार एजेंसी इजराइली सरकार से जानकारी ले रही है तथा इसके बारे में और अधिक जानने के लिए अमेरिका के विदेश विभाग के साथ बातचीत कर रही है।

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