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ब्रिटेन और ईरान की मौजूदा सरकार हारी, अब फ्रांस में चुनाव जारी; बढ़ रही मैक्रों की बेकरारी

ब्रिटेन और ईरान में नई सरकार चुनी जाने के बाद अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव जारी हैं। विभिन्न सर्वे में फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हालत खस्ता बताई जा रही है। सर्वे के अनुसार मैक्रों की पार्टी चुनाव हार सकती है। ब्रिटेन और ईरान में भी मौजूदा सरकार चुनाव हार चुकी है। जनता ने नई पार्टियों को मौका दिया।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 07, 2024 15:26 IST, Updated : Jul 07, 2024 15:28 IST
इमैनुएल मैक्रों, फ्रांस के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS इमैनुएल मैक्रों, फ्रांस के राष्ट्रपति।

पेरिसः ईरान और ब्रिटेन में चुनाव के बाद सरकार बदल गई है। अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव के लिए आज दूसरे चरण का मतदान प्रारंभ हो गया है। चुनाव में देश की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘नेशनल रैली’ अपनी अबतक की सबसे बड़ी बढ़त बनाए हुए है। फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने समय से पहले संसद भंग कर दी थी। इससे पहले 30 जून को पहले चरण का चुनाव हुआ था, जिसमें मरीन ले पेन नीत नेशनल रैली ने बढ़त बनाई थी।

आज के मतदान से यह तय होगा कि नेशनल असेंबली पर किसका नियंत्रण होगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा। अगर मैक्रों की पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो उन्हें यूरोपीय संघ-समर्थक नीतियों का विरोध करने वाली पार्टियों के साथ सत्ता साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। (एपी) 

पहले चरण में क्या हुआ

फ्रांस संसदीय चुनावों के पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) की धमाकेदार जीत हुई है। आज दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। मगर तमाम एग्जिट पोल के अनुसार धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) ही सरकार बनाती दिख रही है। वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई अब तय मानी जा रही है। मरीन ले पेन ने फ्रांस के संसदीय चुनाव के पहले दौर में  रविवार को ऐतिहासिक बढ़त हासिल करते हुए जीत हासिल की, लेकिन अंतिम परिणाम पहले चरण में जीते उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त पर भी निर्भर करेगा।

बता दें कि रन-ऑफ इप्सोस, आईफॉप, ओपिनियनवे और एलाबे के एग्जिट पोल के अनुसार ले पेन की पार्टी आरएन को लगभग 34% वोट हासिल करने की संभावना है। यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मैक्रों ने यूरोपीय संसद चुनावों में आरएन की जीत और अपने उम्मीदवार की हार के बाद तत्काल चुनाव की घोषणा कर दी थी। कुल वोट में आरएन का हिस्सा वामपंथी और मध्यमार्गी प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, जिसमें मैक्रों का टुगेदर गठबंधन भी शामिल था, जिसका ब्लॉक 20.5% -23% जीतता हुआ देखा गया था। एग्जिट पोल से पता चला कि हाल में बनाए गए वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (NPF)को लगभग 29% वोट मिलने का अनुमान है। 

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