Thursday, April 25, 2024
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तेल पर फिर हुआ 'खेला':रूसी ऑइल खरीदी पर यूरोपीय देशों ने भारत को घेरा, जयशंकर ने की बोलती बंद

कच्चे तेल के कारोबार पर रोकथाम लगाने की यूरोपीयन यूनियन ​(EU) की कोशिशों के बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोपीय संघ को ऐसा करारा जवाब दिया है कि EU की बोलती बंद हो गई।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: May 19, 2023 19:24 IST
तेल पर फिर हुआ 'खेला':रूसी ऑइल खरीदी पर यूरोपीय देशों ने भारत को घेरा, जयशंकर ने की बोलती बंद- India TV Hindi
Image Source : FILE तेल पर फिर हुआ 'खेला':रूसी ऑइल खरीदी पर यूरोपीय देशों ने भारत को घेरा, जयशंकर ने की बोलती बंद

Russia-India-EU: भारत और रूस के बीच कच्चे तेल का जमकर कारोबार हो रहा है। इराक को पछाड़कर अब रूस भारत का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश बन गया है। भारत धड़ल्ले से सस्ते दामों में रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है, लेकिन भारत का यह फायदा यूरोपीय देशों को रास नहीं आ रहा है। यूरोपीय संघ ने भारत पर इस बात के लिए निशाना साधा है कि प्रतिबंध के बावजूद भारत रूस से कच्चा तेल क्यों खरीद रहा है। रूस और भारत के बीच कच्चे तेल के कारोबार पर रोकथाम लगाने की यूरोपीयन यूनियन ​(EU) की कोशिशों के बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोपीय संघ को करारा जवाब दिया है कि EU की बोलती बंद हो गई।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बयान देकर यूरोपीयन यूनियन की बोलती बंद कर दी है। जोसेप बोरेल जो विदेश नीति पर ईयू के सर्वोच्‍च प्रतिनिधि हैं, उन्‍होंने कहा था कि जो भारतीय रिफायनरीज रूस से आने वाले कच्‍चे तेल को प्रोसेस करके यूरोप को बेच रही हैं, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। इस पर जयशंकर ने अपने ही अंदाज में ईयू को नियमों की याद दिलाई और बोरेल को चुप करा दिया।

जयशंकर ने जो नियम कायदा यूरोपीय संघ को बताया है, वो यह है कि जयशंकर ने बोरेल को ईयू काउंसिल के नियम खासतौर पर 833/2014 की याद दिलाई। इस नियम के तहत यह स्पष्‍ट है कि रूस से आने वाला कच्‍चा तेल अगर किसी तीसरे देश में प्रोसेस से गुजरता है तो फिर उसे रूसी तेल नहीं समझा जाएगा।

दरअसल, बोरेल ने फाइनेंशियल टाइम्‍स को दिए इंटरव्‍यू में कहा था कि ईयू को मालूम है कि भारतीय रिफाइनरीज भारी मात्रा में रूस ये कच्‍चा तेल खरीद रही हैं। फिर इसे प्रोसेस करके यूरोप को बेच रही हैं। इस पर ईयू को कड़ा कदम उठाने की जरूरत है। इसके बाद जयशंकर ने ईयू को करारा जवाब दे दिया है।

मुलाकात से पहले दिखाया आईना

बोरेल ने कहा था, 'अगर डीजल या पेट्रोल यूरोप में दाखिल हो रहा है और भारत से आ रहा है और रूसी तेल के साथ प्रॉसेस्‍ड उत्पादित किया जा रहा है, यह निश्चित रूप से प्रतिबंधों का उल्लंघन है। जयशंकर ने बोरेल के हर आरोप को खारिज कर दिया। उन्‍होंने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, 'मुझे आपके सवाल का कोई आधार नजर नहीं आता। क्‍योंकि मुझे जहां तक परिषद के नियमों की समझ है उसके मुताबिक अगर रूस का कच्‍चा तेल किसी तीसरे देश में बदला जा रहा है या तब्‍दील किया जा रहा है तो फिर यह रूसी तेल नहीं समझा जाएगा।'

खाड़ी देशों पर पड़ने लगा असर

रूस और भारत के बीच कच्चे तेल का कारोबार यूक्रेन की जंग के बाद से काफी बढ़ गया है। जहां भारत सस्ती दरों पर रूस से तेल खरीद रहा है। इसका असर खाड़ी देशों पर भी पड़ा है। सउदी अरब को भी अब अपने तेल की कीमतों को रीव्यू करना पड़ा है। क्योंकि भारत जैसे देश इराक और सउदी अरब से तेल खरीदते रहे हैं। अपनी जमीन​ खिसकती देख अरब देश भी अब रियायतें देने की बातें करने लगे हैं। यही ओपेक देश पहले 'मनमर्जी' किया करते थे। लेकिन जंग के बीच रूस से कच्चा तेल भारत और चीन जैसे देश खरीद रहे हैं, इसका विपरीत असर खाड़ी देशों को भुगतना पड़ रहा है। 

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