Sunday, April 28, 2024
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4 दिवसीय यात्रा पर वियतनाम पहुंचने पर विदेश मंत्री जयशंकर का हुआ जोरदार स्वागत, चकराया चीन

विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को वियतनाम के 4 दिवसीय दौरे पर पहुंच गए हैं। यहां की यात्रा के बाद वह 2 दिन के लिए सिंगापुर भी जाएंगे। विदेश मंत्री का वियतनाम में जोरदार स्वागत किया गया है। उन्होंने इन तस्वीरों को एक्स पर साझा किया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: October 15, 2023 18:47 IST
वियतनाम पहुंचने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का हुआ जोरदार स्वागात। - India TV Hindi
Image Source : X वियतनाम पहुंचने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का हुआ जोरदार स्वागात।

विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण पूर्व एशिया के दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में रविवार को वियतनाम पहुंच गए। वियतनाम पहुंचने पर उनका जोदार स्वागत हुआ। भारत- वियतनाम के संबंधों को मजबूत करने के लिए उन्होंने वियतनाम के विदेश मंत्री बुई थान सोन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और विकास पर भी चर्चा हुई। भारत और वियतनाम की दोस्ती से चीन परेशान हो उठा है। दरअसल चीन और वियतनाम की समुद्री सीमा एक है। मगर चीन वियतनाम के समुद्री क्षेत्र में दादागिरी दिखाता है। भारत हमेशा से वियतनाम की समुद्री सुरक्षा में जरूरत पड़ने पर सहयोग करने का भरोसा देता आया है। 

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज वियतनाम पहुंचा हूं। प्रसिद्ध ट्रान क्वोक पैगोडा में गर्मजोशी से व्यक्तिगत स्वागत के लिए विदेश मंत्री बुई थान सोन को धन्यवाद। कल 18वीं संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं।’’ हनोई पहुंचने के तुरंत बाद जयशंकर ने ऐतिहासिक ट्रान क्वोक पैगोडा का दौरा किया। छठी शताब्दी में निर्मित, ट्रान क्वोक पैगोडा हनोई का सबसे पुराना बौद्ध मंदिर है। ऐतिहासिक मंदिर में जयशंकर का उनके वियतनामी समकक्ष बुई थान सोन ने स्वागत किया।

जयशंकर ने एक्स पर साझा कीं तस्वीरें

विदेश मंत्री ने वियतनाम दौरे की अपनी कुछ विशेष तस्वीरों को ‘एक्स’ पर साझा किया है। उन्होंने लिखा ‘‘हनोई में ऐतिहासिक ट्रान क्वोक पैगोडा का दौरा किया। भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक यहां का बोधि वृक्ष है। इसे 1959 में (तत्कालीन) राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने वियतनाम के राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को उपहार में दिया था।’’ मंत्री रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों वियतनाम और सिंगापुर के साथ विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की अपनी छह दिवसीय यात्रा के तहत हनोई में हैं। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को नयी दिल्ली में कहा, ‘‘भारत और वियतनाम एक मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख सदस्य है।

भारतीय समुदाय से बातचीत

विदेश मंत्री की यात्रा कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करने और द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।’’ जयशंकर वियतनाम के विदेश मंत्री समकक्ष बुई थान सोन के साथ आर्थिक, व्यापार और वैज्ञानिक तथा तकनीकी सहयोग पर भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। साथ ही हनोई और हो ची मिन्ह सिटी का दौरा करेंगे तथा वियतनामी नेतृत्व के साथ बातचीत करने की उम्मीद है।’’ वह भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे और हो ची मिन्ह सिटी में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे। वियतनाम के बाद जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे। ​ (भाषा) 

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