Saturday, April 27, 2024
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अमेरिका से लेकर एशिया तक भारत का जलवा, ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल की दुनिया क्यों है दीवानी?

अमेरिका से लेकर अफ्रीका तक पूरी दुनिया भारत के हथियारों की दीवानी है। खासकर आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल का लोहा पूरी दुनिया मानती है। जानिए क्या है कारण?

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 09, 2024 17:12 IST
ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल की दुनिया दीवानी- India TV Hindi
Image Source : FILE ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल की दुनिया दीवानी

Indian Weapons Demanding in World: मेड इन इंडिया का जलवा अब पूरी दुनिया मान रही है। अमेरिका से लेकर एशिया और अफ्रीका तक पूरी दुनिया भारत के हथियारों की दीवानी है। भारत की खतरनाक आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल का लोहा पूरी दुनिया मानती है। इन मिसाइलों सहित भारती असलाह की डिमांड पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है। इन हथियारों को खरीदने वाले देश लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया से हैं। कई देशों ने हाल के वर्षों में भारतीय हथियारों खासकर भारतीय मिसाइलों और तेजस जैसे विमानों को खरीदने में भारी दिलचस्पी दिखाई है। 

जानिए क्यों है भारतीय हथियारों की दुनिया दीवानी?

इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय हथियारों और सैन्य उपकरणों की कम कीमत और विश्वसनीयता दुनियाभर के देशों की रुचि बढ़ने का प्रमुख कारक है। स्पुतनिक इंडिया से बात करते हुए रिटायर्ड मेजर जनरल शशि भूषण अस्थाना ने ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जो भारतीय हथियार धूम मचा रहे हैं उनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल और ब्रह्मोस मिसाइल प्रमुख हैं। इसके अलावा स्वदेशी लड़ाकू विमान एससीए तेजस, एएलएच एमके III ध्रुव और प्रचंड हेलीकॉप्टरों ने फिलीपींस, मिस्र, अर्जेंटीना और नाइजीरिया जैसे देशों का ध्यान आकर्षित किया है।

इन भारतीय हथियारों की सबसे ज्यादा डिमांड

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आकाश और ब्रह्मोस व तेजस विमानों के अलावा पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर एक और हथियार है,  जिसे अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार में खरीदार मिल गए हैं। इससे पहले, भारतीय रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने सैन्य हार्डवेयर के नामों का खुलासा किया था। इसमें कहा गया था कि भारत ने पिछले साल 85 देशों को निर्यात किया था।

इन हथियारों की जबर्दस्त डिमांड

निर्यात किए जाने वाले प्रमुख प्लेटफार्मों में डोर्नियर-228, 155 मिमी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड वाहन, बख्तरबंद वाहन, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, गोला-बारूद, थर्मल इमेजर्स, बॉडी आर्मर, सिस्टम के अलावा शामिल हैं।

2024 में 20 हजार करोड़ रुपए के निर्यात का लक्ष्य

भारत ने 2024 में 20,000 करोड़ रुपये (2.4 बिलियन डॉलर) मूल्य की सैन्य वस्तुओं के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने गुरुवार को कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम इस साल 20,000 करोड़ रुपये ($2.4 बिलियन) का निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लेंगे। जैसा कि आप समझते हैं कि हम संघर्ष क्षेत्रों में आपूर्ति नहीं करते हैं। इसलिए अब तक 20,000 एक उचित लक्ष्य लगता है।" 

रक्षा के क्षेत्र में भारत बन रहा बढ़ा निर्यातक

देश के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात बढ़कर 1.95 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इसे देखते हुए मेजर जनरल अस्थाना ने कहा कि कीमते सही होने, भारत के सैन्य हार्डवेयर की विश्व स्तरीय गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रति पश्चिम की नापसंदगी भारत से रक्षा उत्पादों की खरीद की दौड़ के पीछे मुख्य कारण हैं। 

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