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मलेशिया में जयशंकर ने कही दो टूक, "चीन के साथ संबंध बहाल करने के लिए कभी नहीं कर सकते सीमा सुरक्षा से समझौता"

भारत और चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सैनिकों की तैनाती पूर्ववत स्थिति में नहीं हो जाती। चीन ने सीमा पर रक्तपात और हिंसा की है। साथ ही सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है। सीमा सुरक्षा से समझौता करके चीन से संबंध बहाल नहीं किया जा सकता। मलेशिया में विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बात कही।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 27, 2024 23:28 IST, Updated : Mar 28, 2024 6:17 IST
एस जयशंकर, विदेश मंत्री (मलेशिया में)- India TV Hindi
Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री (मलेशिया में)

कुआलालंपुरः विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बुधवार को कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति केवल सैनिकों की पारंपरिक तैनाती के आधार पर हासिल की जा सकेगी और बीजिंग के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यही पूर्व शर्त होगी। जयशंकर ने मलेशिया की राजधानी में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत के दौरान चीन के साथ भारत के संबंधों की मौजूदा स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भारतीयों के प्रति मेरा पहला कर्तव्य सीमा की सुरक्षा करना है और मैं इस संबंध में कभी समझौता नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा कि हर देश ‘‘अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। कौन नहीं चाहता? लेकिन हर रिश्ते को किसी न किसी आधार पर स्थापित करना होता है।

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अभी भी चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं। मैं अपने समकक्ष से बात करता हूं। हम समय-समय पर मिलते रहते हैं। हमारे सैन्य कमांडर एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। लेकिन हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हैं कि हमारे बीच एक समझौता था। वहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। हमारी उस रेखा पर सेना न लाने की परंपरा है। हम दोनों के सैन्य ठिकाने कुछ दूरी पर स्थित हैं, जो हमारी पारंपरिक तैनाती की जगह है। और हम वह सामान्य स्थिति चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना की तैनाती के मामले में सामान्य स्थिति चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि चीन के मामले में, संबंध कई कारणों से मुश्किल रहे हैं, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद है।

चीन ने की सीमा पर हिंसा

जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन कई वर्षों तक सीमा विवाद के बावजूद, हमने वास्तव में महत्वपूर्ण संबंध बनाये क्योंकि हम इस बात पर सहमत हुए कि जब हम सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे, तो हम दोनों इस बात पर सहमत होंगे कि हम बड़ी संख्या में सैनिकों की सीमा पर तैनाती नहीं करेंगे। और हमारे सामने कभी भी ऐसी स्थिति नहीं होगी जहां हिंसा और रक्तपात हो।’’ उन्होंने कहा कि यह सहमति बननी 1980 के दशक के अंत में शुरू हुई और कई समझौतों में परिलक्षित हुई। उन्होंने कहा, ‘‘अब दुर्भाग्यवश, 2020 में सीमा समझौते तोड़े गए थे, जिसके कारण अभी भी हमारे लिए स्पष्ट नहीं हैं। वास्तव में सीमा पर हिंसा और रक्तपात हुआ।’’ जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई घातक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गये थे।

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कही ये बात

जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की स्थिति यही रही है कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता है और भारत इस संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता तलाशना चाहता है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति को लेकर पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए, जयशंकर ने कहा कि ‘‘संघर्ष का कोई विजेता नहीं होता’’। उन्होंने कहा, ‘‘हमने शुरू से ही यह रुख अपनाया था कि आपको युद्ध के मैदान में इस संघर्ष का समाधान नहीं मिलेगा। जयशंकर ने दक्षिणी इजराइल में फलस्तीनी आतंकवादी समूह द्वारा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि सात अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था।

सात अक्टूबर, 2023 को गाजा पट्टी से हमास के आतंकवादियों ने जमीन, समुद्री और हवाई मार्गों से इजराइल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,200 इजराइली नागरिक मारे गए और 230 अन्य को बंधक बना लिया गया। इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर जवाबी कार्रवाई की। (भाषा) 

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