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थाईलैंड के बाद शुक्रवार को श्रीलंका पहुंचेंगे प्रधानमंत्री मोदी, जानें कोलंबो में क्या है पूरा कार्यक्रम

थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं से श्रीलंका रवाना हो जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Apr 03, 2025 10:22 pm IST, Updated : Apr 03, 2025 10:22 pm IST
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री। - India TV Hindi
Image Source : AP नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।

कोलंबो: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे, जिसमें समग्र द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के साथ-साथ ऊर्जा, व्यापार और संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शनिवार को मोदी और राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के बीच वार्ता होगी। श्रीलंका पर सैन्य प्रभाव में वृद्धि के चीन के अथक प्रयासों की पृष्ठभूमि में दोनों पक्ष एक प्रमुख रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

मोदी बैंकॉक में बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) समूह के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद श्रीलंका की राजधानी पहुंचेंगे। मोदी ने बृहस्पतिवार को दो देशों की यात्रा शुरू करने से पहले एक बयान में कहा, “हमारे पास ‘साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने’ के संयुक्त दृष्टिकोण को लेकर हुई प्रगति की समीक्षा करने और हमारे साझा उद्देश्यों को साकार करने के लिए मार्गदर्शन का अवसर होगा।” तीन महीने पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान संयुक्त दृष्टिकोण को अपनाया गया था।

भारत-श्रीलंका के बीच क्या होगी वार्ता

मोदी-दिसानायके वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन समेत कई अन्य द्विपक्षीय समझौते होने की भी संभावना है। पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि रक्षा सहयोग को लेकर एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है और इस पर पहली बार हस्ताक्षर किए जाएंगे। यदि रक्षा सहयोग से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो यह भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक बड़ी प्रगति का संकेत होगा। इस समझौते के बाद लगभग 35 वर्ष पहले भारत द्वारा श्रीलंका से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाए जाने से संबंधित कटु अध्याय पीछे छूट जाएगा। प्रस्तावित रक्षा समझौते का विस्तृत ब्यौरा तत्काल उपलब्ध नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति की पृष्ठभूमि में इससे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी होगी।

हंबनटोटा बंदरगाह पर बात

अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज 'युआन वांग' के लंगर डालने की घटना ने भारत और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया है। अगस्त 2023 में कोलंबो बंदरगाह पर एक और चीनी युद्धपोत ने लंगर डाला था। समग्र संबंधों के बारे में मिस्री ने कहा, "श्रीलंका हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति का अभिन्न अंग है और आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित हमारे संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।" उन्होंने कहा कि मोदी की यात्रा निवेश को बढ़ावा देने और संपर्क को मजबूत करने और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी। (भाषा) 

 

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