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गाजा में तत्काल युद्ध विराम का अमेरिकी प्रस्ताव UN में हुआ धड़ाम, चीन और रूस ने वीटो लगाकर उड़ाए परखच्चे

गाजा में तत्काल युद्ध विराम का एक और प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में खारिज हो गया है। यानि मतलब साफ है कि गाजा में युद्ध जारी रहेगा। अमेरिका की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव को चीन और रूस ने वीटो करके गिरा दिया। इससे गाजा में युद्ध विराम की अमेरिकी कोशिश फिर से नाकाम हो गई।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 22, 2024 22:13 IST, Updated : Mar 23, 2024 6:24 IST
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के प्रेसिंडेंट शी जिनपिंग। - India TV Hindi
Image Source : AP रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के प्रेसिंडेंट शी जिनपिंग।

संयुक्त राष्ट्र: रूस और चीन ने गाजा में तत्काल युद्धविराम संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव की हवा निकाल दी है। अमेरिका की ओर से गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए लाए गए प्रस्ताव के खिलाफ चीन और रूस एकजुट हो गए। पुतिन और शी जिनपिंग ने अमेरिकी प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। इससे यह खारिज हो गया। प्रस्ताव के तहत गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और भुखमरी का सामना कर रहे 20 लाख से अधिक फलस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए गाजा में इजराइल-हमास युद्ध को तत्काल रोके जाने का आह्वान किया गया था।

पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में हुए मतदान के दौरान 11 सदस्यों ने इसके पक्ष में और तीन ने विरोध में वोट किया और एक सदस्य अनुपस्थित रहा। मतदान से पहले, रूस के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि रूस तत्काल संघर्ष विराम का समर्थन करता है, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव की भाषा पर सवाल उठाया। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड पर ‘‘राजनीतिक’’ कारणों से ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने’’ का आरोप लगाया। इससे पहले, अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा था कि उन्हें उम्मीद हैं कि एक नये मसौदा प्रस्ताव को 15 सदस्यीय परिषद द्वारा शुक्रवार को मंजूरी दे दी जाएगी।

चीन और रूस ने अक्टूबर में भी अमेरिका को दिया था झटका

सुरक्षा परिषद ने गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर पहले ही दो प्रस्ताव अपनाए थे, लेकिन किसी में भी संघर्ष विराम का आह्वान नहीं किया गया था। रूस और चीन ने अक्टूबर के अंत में अमेरिका द्वारा प्रायोजित उस प्रस्ताव पर भी वीटो कर दिया था, जिसमें नागरिकों को सहायता पहुंचाने, उनकी सुरक्षा और हमास को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आह्वान किया गया था। फलस्तीनी आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हमला कर दिया था जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और 250 लोगों का अपहरण कर लिया गया था। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्षेत्र में मरने वालों की संख्या लगभग 32,000 बताई है। (एपी) 

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