Saturday, April 27, 2024
Advertisement

Death Valley: मौत की घाटी में अंगारों की बारिश, इधर गए तो फिर बचना मुश्किल

Death Valley: जिस जगह का नाम ही मौत की घाटी हो, वहां जिंदगी की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। क्या आपने कभी इस मौत की घाटी के बारे में सुना है, आखिर क्या वजह है जो इसे मौत की घाटी कहते हैं, क्या यहां जाने के बाद कोई फिर जिंदा लौट कर नहीं आता..?

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: September 05, 2022 16:57 IST
Death Valley- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Death Valley

Highlights

  • अमेरिका के कैलिफोर्निया में है वैली ऑफ डेथ
  • इधर गए तो फिर जिंदा आने की गारंटी नहीं
  • 109 साल बाद सितंबर में डेथ वैली में बरसी आग

Death Valley: जिस जगह का नाम ही मौत की घाटी हो, वहां जिंदगी की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। क्या आपने कभी इस मौत की घाटी के बारे में सुना है, आखिर क्या वजह है जो इसे मौत की घाटी कहते हैं, क्या यहां जाने के बाद कोई फिर जिंदा लौट कर नहीं आता..? नाम सुनकर तो फिलहाल कुछ ऐसा ही लगता होगा। यह बात सच भी है। आइए अब आपको बताते हैं कि ये मौत की घाटी है कहां... जहां जाने के बाद फिर जिंदगी बचना मुश्किल हो जाता है। 

मौत की घाटी अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित है। इसे डेथ वैली के नाम से भी जाना जाता है। यहां का तापमान कई बार इतना अधिक रहता है कि आसमान से यहां आग बरसती है। गर्मियों में तो यहां ईस्पात और आइरन को पिघला देने वाली गर्मी होती है। यहां जाने वाले व्यक्ति के शरीर का पानी अंगारेनुमा हवाओं से कुछ ही क्षण में जल जाता है। फिर झुलसकर उसकी मौत हो जाती है। इसलिए डेथ वैली की ओर जाने की मनाही रहती है। 

सितंबर में 53 डिग्री तापमान में बरस रही आग

डेथ वैली की भयावहता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सितंबर के महीने में यहां अधिकतम तापमान 53 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौत की घाटी में इन दिनों सितंबर के महीने में भी अंगारे बरस रहे हैं। इससे यहां हाल ही में दो व्यक्तियों की झुलस जाने से मौत हो गई है। डेथ वैली में करीब 109 वर्ष के बाद अधिकतम तापमान 53 डिग्री दर्ज किया गया है। इससे पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। अमेरिका के लोग इधन जाने की भी जुर्रत नहीं जुटा पा रहे। क्योंकि उन्हें पता है कि डेथ वैली गए तो फिर जिंदा लौटकर वहां से आ पाना असंभव ही है। इस घाटी में वर्ष 1913 में 56.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। जो कि दुनिया का सबसे अधिकतम तापमान है। 

Death Valley

Image Source : INDIA TV
Death Valley

क्यों कहते हैं मौत की घाटी
पहले अमेरिका जाने वाले हर व्यक्ति को मौत की घाटी से होकर गुजरना पड़ता था। इसलिए अमेरिका जाना इतना आसान नहीं था। जिसने मौत की घाटी के टास्क को पूरा कर लिया, सिर्फ वही अमेरिका पहुंचा। बाकी लोग डेथ वैली में ही दफन हो गए। डेथ वैली की लंबाई 225 किलोमीटर और चौड़ाई करीब 14 किलोमीटर है। अंगारे बरसने की वजह से यहां न तो मनुष्य जीवित रह सकता था और न ही जानवर। पेड़-पौधे भी यहां जीवित नहीं रह सकते। इसलिए मौत की घाटी हमेशा वीरान ही रहती है। यहां जो भी गलती से आ गया, फिर उसके जिंदा लौट कर जाने की गारंटी कोई नहीं कर सकता। इसी लिए इसका नाम मौत की घाटी पड़ गया। यानि वैली ऑफ डेथ। 

रास्ते में ही दम तोड़ देते थे ज्यादातर लोग
डेथ वैली से गुजरते समय ज्यादातर लोग रास्ते में ही मौत के मुंह में चले जाया करते थे। पहले अमेरिका जाने का और कोई रास्ता नहीं था। इसलिए डेथ वैली अमेरिका जाने वाले लोगों के लिए टास की तरह थी, जहां इस पार मौत थी और उस पार निकल गए तो जिंदगी। इसलिए लोग अमेरिका जाने से डरते थे। क्योंकि अमेरिका जाने के लिए वहां उनका सामना मौत की घाटी से होता था। यह टास्क हारने वाले को तोहफे में मौत मिलनी तय थी। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement