Saturday, November 08, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. ट्रंप को शांति का नोबेल दिलाने में जुटा ह्वाइटहाउस, सोशलमीडिया पर बना रहा माहौल; जानें कैसे मिलता है पुरस्कार

ट्रंप को शांति का नोबेल दिलाने में जुटा ह्वाइटहाउस, सोशलमीडिया पर बना रहा माहौल; जानें कैसे मिलता है पुरस्कार

दुनिया के प्रतिष्ठित शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा भी शुक्रवार को हो जाएगी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार मिलने की संभावनाओं को लेकर ह्वाइट हाउस की कंपेनिंग ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 09, 2025 05:39 pm IST, Updated : Oct 09, 2025 05:39 pm IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति।
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार दिलाने के लिए व्हाइट हाउस ने जोर-शोर से कैंपेन शुरू कर दिया है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीका में कई संघर्षों को सुलझाने का दावा करते हुए, व्हाइट हाउस ने उन्हें “पीस प्रेसिडेंट” (शांति राष्ट्रपति) तक करार दिया है। यह कैंपेन सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जहां ट्रंप के समर्थक और विश्व नेता उनके नाम की तारीफ कर रहे हैं। शुक्रवार यानि 10 अक्टूबर को नॉर्वे में शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा होने वाली है। इससे पहले ह्वाइट हाउस ने सोशल मीडिया पर ट्रंप के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है। 
 

शांति का नोबेल जीतने के लिए ट्रंप की संभावना पर बहस

 
ह्वाइट हाउस ने सोशल मीडिया पर माहौल बनाकर शांति का नोबेल पुरस्कार ट्रंप के जीतने की संभावना पर नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर ट्रंप के पक्ष और विपक्ष में कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं। मगर ट्रंप को यह पुरस्कार मिल पाएगा या नहीं, यह अगले 24 घंटे में साफ हो जाएगा। 
 
 

व्हाइट हाउस का कैंपेन: सोशल मीडिया पर ‘पीस प्रेसिडेंट’ का नारा

 
व्हाइट हाउस ने हाल ही में गाजा युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच पहले चरण के युद्धविराम समझौते की घोषणा की, जिसे ट्रंप की मध्यस्थता का श्रेय दिया गया। इसके तुरंत बाद व्हाइट हाउस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल (@WhiteHouse) पर पोस्ट किया गया: “मैं बहुत गर्व से घोषणा करता हूं कि इजरायल और हमास ने हमारे शांति प्लान के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए… शांति बनाने वाले धन्य हैं!” – राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप। इस पोस्ट को लाखों लाइक्स और रीपोस्ट मिले, और कई यूजर्स ने इसे नोबेल पुरस्कार से जोड़ दिया।
 
 
ट्रंप खुद भी हैं नोबेल के लिए बेताब
 
राष्ट्रपति ट्रंप खुद भी नोबेल पुरस्कार के लिए बेताब हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कहा था, “सभी कहते हैं कि मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।” ट्रंप का दावा है कि उनके कार्यकाल में 7-8 युद्ध समाप्त हो चुके हैं। वह इसमें इजरायल-ईरान, भारत-पाकिस्तान (हालांकि भारत इसे पूरी तरह खारिज कर चुका है), थाईलैंड-कंबोडिया और रवांडा-कांगो, इजरायल-हमास और आर्मीनिया अजरबैजान के बीच शांति समझौते कराने का दावा करते हैं। व्हाइट हाउस ने X (पूर्व ट्विटर) पर #PeacePresident ट्रेंड चलाने की कोशिश की, जहां ट्रंप के समर्थक पोस्ट शेयर कर रहे हैं। 
 
 

सोशल मीडिया पर ट्रंप को नोबेल के लिए क्या कह रहे यूजर्स

 
एक यूजर ने लिखा, “ट्रंप ने प्राचीन दुश्मनों के बीच शांति कराई, जबकि बाइडेन व्हाइट हाउस में छिपे रहे। नोबेल उनका हक है!” एक अन्य पोस्ट में व्यंग्य किया गया: “इस बीच व्हाइट हाउस में ट्रंप नोबेल ट्रॉफी के लिए डिस्प्ले केस चुन रहे हैं।” विश्व नेता भी इसमें कूद पड़े। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस विजिट के दौरान नामांकन पत्र दिखाया। पाकिस्तान सरकार ने भारत-पाक संकट सुलझाने के लिए ट्रंप को नामित किया। कंबोडिया के पीएम हुन मानेत, आर्मेनिया के निकोल पाशिन्यान, अजरबैजान के इल्हाम अलीयेव और अफ्रीकी देशों के नेता ट्रंप को “शांति का हकदार” बता चुके हैं। 14 से 16 अमेरिकी सांसद जैसे डैरेल इसा और क्लाउडिया टेनी ने भी उनके पक्ष में नामांकन किया है।
 

2025 में नहीं तो क्या 2026 में मिल सकता है ट्रंप को नोबेल?

 
ट्रंप के पक्ष में कई नामांकन 31 जनवरी 2025 की डेडलाइन के बाद के हैं। इसलिए 2025 में ट्रंप को शांति का नोबेल दिलाने में वह अधिक भूमिका शायद नहीं निभा पाएंगे। मगर यह उम्मीद की जा सकती है कि वे सभी नामांकन 2026 के लिए मान्य हो सकते हैं। ऐसे में ट्रंप 2026 में शांति के नोबेल के लिए दावेदार हो सकता हैं। ट्रंप ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, “शायद कमिटी मुझे न देने का कोई बहाना ढूंढ लेगी ।”
 
 

नोबेल शांति पुरस्कार कैसे मिलता है?

 
नोबेल शांति पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी (Norwegian Nobel Committee) द्वारा दिया जाता है, जो नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त 5 सदस्यों की होती है। यह पुरस्कार राष्ट्रों के बीच भाईचारे, सेनाओं की कमी या शांति सम्मेलनों को बढ़ावा देने वाले को जाता है। 28 प्रक्रिया गोपनीय होती है और नाम 50 साल बाद ही सार्वजनिक होते हैं।
 
चरणबद्ध प्रक्रिया:
1 नामांकन (Nomination): सितंबर में कमिटी 3,000 योग्य नामांककों (जैसे राष्ट्राध्यक्ष, विश्वविद्यालय प्रोफेसर, शांति संस्थानों के निदेशक, पूर्व विजेता) को फॉर्म भेजती है। नामांकन 31 जनवरी तक जमा करने होते हैं। कोई व्यक्ति खुद को नामित नहीं कर सकता। 2025 के लिए 338 नामांकन हुए। 
 
2 छोटी सूची (Short-list): फरवरी-मार्च में कमिटी सभी नामांकनों की समीक्षा कर 20-30 की शॉर्टलिस्ट बनाती है। विशेषज्ञों (नॉर्वेजियन और अंतरराष्ट्रीय) से रिपोर्ट मंगाई जाती हैं। 
 
3 चर्चा और निर्णय (Deliberations): फरवरी से सितंबर तक नियमित बैठकें होती हैं। कमिटी एकमत से फैसला लेने की कोशिश करती है, वरना साधारण बहुमत से। 
 
4 घोषणा (Announcement): अक्टूबर के पहले पूर्ण सप्ताह के शुक्रवार को (2025 में 10 अक्टूबर) विजेता घोषित होता है। पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाता है।
 
नामांकन से क्या बढ़ता है दावा
 
नामांकन कोई आधिकारिक मान्यता नहीं है। यह सिर्फ सुझाव है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की जीत मुश्किल है, क्योंकि कमिटी लंबे समय टिकने वाली शांति और बहुपक्षीय संस्थाओं को प्राथमिकता देती है। ट्रंप के मल्टीलेटरल संस्थाओं के प्रति रवैये पर सवाल उठते हैं। 21 फिर भी, गाजा डील ने आखिरी मौके पर बहस छेड़ दी है। क्या ट्रंप को मिलेगा पुरस्कार?...यह शुक्रवार की घोषणा के बाद साफ हो जाएगा। मगर यह कैंपेन ट्रंप की छवि को मजबूत करने का एक बड़ा प्रयास है।

Latest World News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement