Saturday, April 20, 2024
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स्टॉर्ट-अप के मामले में दिल्ली को टॉप 5 में पहुंचाना लक्ष्य: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली की नई स्टार्टअप पाॅलिसी और उसे विकसित करने को लेकर उद्योग के नेताओं और एंटरप्रिन्योर्स युवाओं के पैनल के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 08, 2020 23:49 IST
Arvind Kejriwal on Startup plan for Delhi- India TV Hindi
Image Source : PTI Arvind Kejriwal on Startup plan for Delhi

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली की नई स्टार्टअप पाॅलिसी और उसे विकसित करने को लेकर उद्योग के नेताओं और एंटरप्रिन्योर्स युवाओं के पैनल के साथ बैठक कर विचार विमर्श किया। मसौदा नीति का उद्देश्य एंटरप्रिन्योर्स की मदद करना, अर्थ व्यवस्था को दोबारा गति देना और नीति के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, जो नई नौकरियां पैदा करेगा और वर्तमान आर्थिक प्रणाली में नई प्रतिस्पर्धी गतिशीलता लाएगा।

स्टार्टअप नीति परामर्श दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सबसे पहले, दिल्ली मॉडल की टीमवर्क की भावना को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने आज नई स्टार्टअप नीति का मसौदा तैयार करने में इनपुट प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग के सफल, एंटरप्रिन्योरर्स और पाॅलिसी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। प्रमुख व्यापारिक नेताओं और एंटरप्रिन्योर्स ने इसमें दिलचस्पी दिखाई और इस पहल में दिल्ली सरकार के साथ कदम मिला कर चलने का भरोसा दिया। आज की बैठक में शामिल होने वाले उद्योग के नेताओं में अजय चौधरी (सह-संस्थापक, एचसीएल), राजन आनंदन (एमडी सेकोइया कैपिटल), पद्मजा रूपारेल (सह-संस्थापक, इंडियन एंजल नेटवर्क) और युवा नेता श्रीहर्षा मजेटी (सह-संस्थापक सीईओ, स्विगी), फरीद अहसन (सह-संस्थापक, शेयरचैट), सुचिता सलवान (संस्थापक और सीईओ, लिटिल ब्लैक बुक), तरुण भल्ला (संस्थापक, अविश्कर), रियाज अमलानी, सीईओ और एमडी, इम्प्रेशैरियो हस्तनिर्मित रेस्तरां आदि नेता शामिल हुए।

इसके बाद, दिल्ली सरकार जल्द ही स्टार्टअप नीति का एक मसौदा जारी करेगी और स्टार्ट-अप पॉलिसी पर आम जनता से इनपुट लेने के लिए एक ऑनलाइन फोरम शुरू करेगी। इससे स्टार्टअप नीति को एक नया परिप्रेक्ष्य मिलेगा और दिल्ली मॉडल की यह सही मायने में, टीम वर्क और एकता के माध्यम से परिणाम देने के लिए दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता होगी।

मुख्यमंत्री ने टीआईई की सितंबर 2019 की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए प्रकाश डाला कि इस क्षेत्र से 7000 से अधिक स्टार्ट-अप आते हैं। देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा दिल्ली में सबसे अधिक स्टार्ट-अप सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और अब शहर में स्टार्ट-अप का कारोबार 50 बिलियन डाॅलर के करीब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर 12,000 स्टार्ट-अप, 30 यूनिकॉर्न और लगभग 150 बिलियन डॉलर के संचयी मूल्यांकन के साथ 2025 तक शीर्ष 5 वैश्विक स्टार्ट-अप हब बनने की ओर बढ़ रहा है। 

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते छात्रों, उद्योगों और कई प्रतिष्ठित संस्थानों का केंद्र है। पिछले कुछ वर्षों में, यहां के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने नवोदित उद्यमियों के लिए अवसरों को पैदा किया है। स्टार्टअप नीति परामर्श प्रक्रिया की शुरूआत करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आईआईटी करने के बाद, मैंने देखा कि भारत के कुछ मेधावी युवा विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में चले गए है। मेरा मानना है कि भारतीय दुनिया के सबसे होशियार उद्यमी हैं और उन्हें कामयाब होने के लिए सही अवसर और सही परिस्थितियों में मदद की जरूरत है। इस स्टार्ट-अप नीति के साथ, हमारा लक्ष्य दिल्ली को स्टार्ट-अप के लिए शीर्ष 5 वैश्विक स्थलों में से एक बनाना है।

उद्योग जगत के सफल उद्यमियों ने इस पहल का स्वागत किया और शहर में कोविड के संक्रमण को कम करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रयासों की सराहना की और इस अनूठे विचारों को निष्पादित करने के लिए सरकार की भूरी भूरी सराहना की। सिकोइया कैपिटल के प्रबंध निदेशक राजन आनंदन ने कहा कि भारत में एनसीआर पहले से ही सबसे बड़ा स्टार्टअप क्षेत्र है और एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली में सबसे अधिक स्टार्टअप हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली को दुनिया के शीर्ष 5 स्टार्टअप स्थानों में से एक कैसे बनाया जाए, इस पर सुझाव देने के लिए आमंत्रित किए जाने के लिए हम सभी अभारी हैं। यह चर्चा कई विचारों के साथ बहुत अच्छी थी, जो दिल्ली के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अगले स्तर पर ले जाएगा।

इम्प्रेशैरियो हस्तनिर्मित रेस्तरां के सीईओ और एमडी श्री रियाज अमलानी ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस पैनल को बुलाया है। दिल्ली सरकार द्वारा दिए किए गए उपायों कोविड से हुए वित्तीय प्रभावों से समय पर लड़ सकते हैं। इसका मतलब यह होगा कि हम कोविड के चलते हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई कर सकते हैं और इसे और भी मजबूत बन सकते हैं।

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